त्रिपोली जंग: लड़ाई में 147 लोगों की मौत, 600 से ज्यादा घायल
लीबिया में त्रिपोली के समीप छिड़ी लड़ाई में कम से कम 147 लोगों की मौत हो गई और 614 लोग जख्मी हुए हैं. लीबियाई राजधानी को अपने कब्जे में करने के लिए खलीफा हफ्तार द्वारा चार अप्रैल को संघर्ष छेड़े जाने के बाद से इस संघर्ष में दिन प्रतिदिन लोगो के मौत के आंकड़ों में इजाफा हो रहा हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रविवार को यह जानकारी दी.
लीबिया में आमतौर पर संयुक्त राष्ट्र समर्थित सरकार सत्ता में रहती है, लेकिन देश के अधिकांश हिस्से पर चरमपंथी गुटों का नियंत्रण है. मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने आंकड़े जारी कर बताया कि लड़ाई की वजह से 18 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हो गए हैं. हफ्तार के बलो ने अंतरराष्ट्रीय समर्थन प्राप्त ‘गवर्मेंट ऑफ नेशनल एकॉर्ड’ (जीएनए) के वफादारों से त्रिपोली का कब्जा छीनने के लिए हमला कर दिया है. जीएनए राजधानी त्रिपोली में स्थित है.
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वहीं संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने ट्विटर पर कहा कि हताहतों की संख्या में इजाफा होने के चलते विश्व स्वास्थ्य संगठन ने त्रिपोली क्षेत्र के अस्पतालों में ऑपरेशन करने वाली टीमों को तैनात कर दिया है. हालांकि राजधानी के दक्षिण शहर के बाहरी हिस्से में लड़ाई की चपेट में कम से कम आठ एंबुलेंसआई हैं, दोनों पक्षों से लड़ाई रोकने की अंतरराष्ट्रीय अपील की गई है, लेकिन दोनो पक्षों ने अंतरराष्ट्रीय अपील को अनसुना कर दिया है.
इस अशांति के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी पक्षों से सयंम बरतने की अपील की, साथ ही यह भी कहा है कि वह लड़ाई के दौरान अस्पतालों, एंबुलेंस और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को नुकसान न पहुंचाए. लीबिया में साल 2011 में हुए विद्रोह और तानाशाह मोहम्मद गद्दाफी की हत्या के बाद से यहां संघर्ष की स्थिति बनी हुई है. बता दें कि मोहम्मद गद्दाफी विद्रोहियों द्वारा गोली बारी में मारा गया था. लीबिया के सूचना मंत्री ने गद्दाफी के मारे जाने की पुष्टि की थी.
दरअसल 1969 में लीबिया की गद्दी पर बैठे तानाशाह गद्दाफी के खिलाफ इसी साल फरवरी में विद्रोहियों ने सशस्त्र मोर्चा खोला था.इस लड़ाई में विद्रोहियों को सबसे बड़ी कामयाबी अगस्त में मिली, जहां उन्होंने राजधानी त्रिपोली पर कब्जा कर लिया.
बता दें किअगस्त 2018 में हिंसा तब शुरू हुई जब चरमपंथियों ने त्रिपोली के दक्षिणी इलाके में हमला किया. इसके बाद उनका स्थानीय सरकार समर्थित चरमपंथी गुटों से संघर्ष चल रहा है.हालांकि संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस 2017 में त्रिपोली में सुरक्षा व्यवस्था की नाजुक स्थिति और तेल से समृद्ध पूर्वी भाग में छिड़ी लड़ाई का हवाला देते हुए चेतावनी भी जारी कर चुका था कि लीबिया फिर से बड़े पैमाने पर संघर्ष से घिर सकता है.