
म्यांमार के यांगून शहर में शनिवार को 600 साल पुराना थिंगयान फेस्टिवल का रंगारंग आगाज हुआ। मंगलवार को इस त्योहार के खत्म होने के बाद वहां बौद्ध नववर्ष का शुरुआत होगा।
इस फेस्टिवल में भाग लेने के लिए दुनिया भर के लोग यहां पहुंचते हैं। जिसके लिए यांगून शहर की सुरक्षा को चाक-चौबंद बनाया गया है।
इस साल त्योहार को मनाने के लिए 30 हजार पर्यटकों के पहुंचने का अनुमान जताया जा रहा है। पिछले साल इनकी संख्या 27 हजार के आसपास रही थी।
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चार दिनों तक चलने वाले इस जश्न में लोग पिछले एक साल की बुराइयों को मिटाने के लिए आपस में एक दूसरे पर पानी फेंकते हैं।
इस त्योहार को यांगून के अलावा म्यांमार के कई शहरों में भी मनाया जाता है। जहां बच्चों से लेकर बूढ़े तक इसमें भाग लेते हैं।
इस त्योहार के लिए तारीखों की गणना बर्मी बौद्ध कैलेंडर के अनुसार की जाती है। जिसके बाद बौद्ध नववर्ष की शुरुआत होती है।
इस त्योहार में आए हुए पर्यटकों की सुरक्षा के लिए आठ हजार से ज्यादा सुरक्षाबल के जवानों की तैनाती की गई है। इसका प्रमुख कारण पिछले कुछ समय से रोहिंग्या और म्यांमार सेना के बीच चल रहा संघर्ष है।
कहा जाता है कि इस त्योहार की शुरुआत भारत से आए कुछ संतों ने की थी। जो होली से मिलता जुलता है।