जानिए आखिर क्यों पाकिस्तान में हर साल 1000 से ज्यादा लड़कियों का जबरदस्ती किया जाता है धर्म परिवर्तन
नई दिल्ली : पाकिस्तान के सिंध प्रांत में होली से एक दिन पहले दो नाबालिग हिंदू बहनों का अपहरण कर लिया गया हैं । जहां इसके बाद जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराकर उनकी शादी करा दी गई है। इसके बाद दोनों नाबालिग हिंदू लड़कियों रवीना और रीना ने पंजाब की एक कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर सुरक्षा की मांग की है।
बता दें की पाकिस्तान में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार की ये कोई पहली घटना नहीं है। तकरीबन रोज ही वहां अल्पसंख्यकों के खिलाफ इस तरह की घटनाएं होती हैं। जहां बहुत कम घटनाएं सुर्खियों का रूप ले पाती हैं, क्योंकि ज्यादातर को सरकार और उसका सिस्टम ही अपने स्तर पर दबा देता है।
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पाकिस्तान से हर साल हजारों हिंदू परिवार भागकर भारत में ना केवल शरण लेते हैं बल्कि भारतीय नागरिकता की गुहार भी लगाते हैं। लेकिन पिछले पांच सालों में भारत सरकार ने काफी बड़ी संख्या में पाकिस्तान से आए शरणार्थी हिंदुओं को नागरिकता दी है।
देखा जाये तो भारत में एक अनुमान के तौर पर दो लाख से ज्यादा हिंदू शरणार्थी देश के विभिन्न हिस्सों में शरण लिए हुए हैं. अकेले राजस्थान में ही उनकी संख्या सवा लाख के आसपास है. वो अपने देश नहीं लौटना चाहते है।
ताजातरीन पाकिस्तान जनगणना में हिंदुओं की आबादी 1.2 फीसदी और क्रिश्चियन की जनसंख्या 1.9 फीसदी दर्ज की गई है। वर्ष 2011 में इश्तियाक अहमद की एक किताब पब्लिश होकर आई, जिसमें पाकिस्तान में गैर मुस्लिमों की आबादी को 10 फीसदी बताया गया है।
इस किताब के अनुसार पाकिस्तान में हिंदू, ईसाई और अहमदी खुद के 40लाख होने का दावा करते हैं।
उस समय की जनगणना के अनुसार पाकिस्तान वाले इस भूभाग पर बंटवारे से पहले 5.9 करोड़ गैर मुस्लिम रहते थे। बंटवारे के दौरान बड़े पैमाने पर हिंदुओं और सिखों का पलायन भारत की ओर हुआ हैं। हिंदुओं की आबादी तब वहां 24 फीसदी के आसपास थी. अब हालत एकदम बदल गई है।
दरअसल अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी अमेरिकी कमीशन की वर्ष 2012 की सालाना रिपोर्ट ये बातें कहती है। वही पाकिस्तान सरकार अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर गंभीर नहीं है।
लेकिन पाकिस्तान में लगातार अल्पसंख्यकों के धार्मिक अधिकारों को तोड़ा जाता है, आमतौर पर ऐसा करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होती, क्योंकि पाकिस्तान सरकार का रुख इस मामले में लगातार ठंडा रहता है।
खबरों के मुताबिक दुनियाभर के देशों की बात की गई लेकिन पाकिस्तान को लेकर खासतौर पर चिंता जाहिर की गई है। ये हिंसा हर स्तर पर होती है. संपत्ति हड़पने से लेकर घर की महिलाओं के साथ बदसलूकी तक होता है।
हिंदू महिलाओं और लड़कियों के अपहरण की घटनाओं में खासी बढोतरी हुई है।अपहरण के बाद उनका धर्म बदलकर उनकी शादी मुस्लिम युवकों से कर दी जाती है।अल्पसंख्यकों को नौकरियों से लेकर व्यावसायिक क्षेत्र तक में धर्म के नाम पर निशाना बनाया जाता है।2012 के बाद से सैकड़ों अल्पसंख्यक हमलों में मारे जा चुके हैं, हजारों लोगों का धर्म बदला जा चुके है।
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