उत्तराखंड का ये झरना करेगा आपके स्वर्ग या नरक जाने का फैसला, आप भी जानें ये राज..
हमारे देश में ऐसी कई सारी नदियां और कुंड हैं जिनके बारे में ऐसी मान्यता है कि वहां स्नान करने से इंसान के पाप धुल जाते हैं। आत्मा की शुद्धिकरण के लिए लोग इन नदियों में डुबकी लगाने से नहीं चूकते हैं।
हालांकि आज हम आपको जिस झरने के बारे में बताने जा रहे हैं उसमें कोई अपनी मर्जी से नहीं नहा सकता है क्योंकि झरने का पवित्र जल पापियों के ऊपर नहीं गिरता है।
हम यहां बात कर रहे हैं वसुंधरा झरने की जो उत्तराखंड में मौजूद है। बद्रीनाथ से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित वसुंधरा झरना अलकनंदा नदी पर है। इसकी खासियत यह है कि अगर कोई पापी व्यक्ति झरने के नीचे जाता है तो उसके ऊपर झरने का पानी नहीं गिरता है।
करीब 400 फीट ऊंचाई से गिरने वाली जलधारा के नीचे नहाना हर किसी के लिए संभव नहीं है।
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यानि कि अगर झरने का पानी किसी के ऊपर गिरे तो उसकी आत्मा शुद्ध है। इस वजह से दूर-दूर से लोग यहां आते हैं।
इसके साथ ही यह भी कहा जाता है कि इस झरने का पानी काफी अच्छा है क्योंकि इसमें नहाने से कई रोग दूर हो जाते हैं।
ऐसा इसलिए क्योंकि झरने का पानी पहाड़ी में स्थित कई जड़ी-बूटियों को छूकर नीचे गिरता है। पुराणों में ऐसा कहा गया है कि यही वह जगह है जहां पांच पांडवों में से एक सहदेव ने अपने प्राण त्यागे थे।
बद्रीनाथ आने वाले श्रद्धालु वसुंधरा झरने को देखने जरूर यहां आते हैं।