गठबंधन से मिट गए वर्षों के गिले शिकवे, सपा-बसपा मेल से फूले नहीं समा रहे अखिलेश

उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के गठबंधन ने लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने से पहले ही चुनावी शोरगुल बढ़ा दिया है। गठबंधन के बाद से ही सरगर्मियां बढ़ चुकी हैं और बयानों का दौरान जारी है।

इसी कड़ी में बसपा से ऐतिहासिक गठबंधन करने के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव  का बयान आया है। उन्होंने कहा कि अगर इरादे नेक और ईमानदार हो तो नहीं सोचा गया लक्ष्य भी पाया जा सकता है।

गठबंधन से मिट गए वर्षों के गिले शिकवे,

सोमवार को टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि 25 मिनटों की मुलाकात में हमनें 25 सालों की दुश्मनी भुला दी। यह दिल्ली में चार जनवरी को हुई हमारी मीटिंग में हुआ जहां हमनें सीट बंटवारे को लेकर बात की।

अखिलेश ने बताया कि चार जनवरी की मुलाकात से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती से केवल एक ही बार मिले थे जब दोनों पार्टियों ने फूलपुर और गोरखपुर में मिलकर मार्च 2018 में भाजपा को हराया था।

उन्होंने कहा कि गठबंधन इतना मजबूत और प्रभावशाली है कि यह न केवल केंद्र की भाजपा सरकार को बल्कि राज्य की योगी सरकार को भी हटा देगा। गठबंधन के अलावा यह काम प्रदेश के किसान करेंगे, जो पहले से संकट में हैं।

संगम तट पर पहुंचे जूना अखाड़ा के संत, शाही स्नान का लेंगे पुण्य…

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस गठबंधन को लेकर कई बार उपहास किया है, मगर अखिलेश ने कहा कि उन्हें उत्तेजित करना आसान नहीं था। उन्होंने मेरे और मायावती के खिलाफ जिस भाषा का उपयोग किया वह मैं नहीं कर सकता।

उत्तर प्रदेश के खनन मामले में सीबीआई जांच पर उन्होंने बोलने से इंकार किया मगर कहा कि मुझे बताया गया है कि सीबीआई के अफसरों पर दबाव डाला गया कि एफआईआर में  यूपी के खनन मंत्री की भूमिका की जांच के बारे में लिखें। सब जानते हैं कि सीबीआई के ऊपर कौन होता है।

LIVE TV