RBI से देगी सरकार को मार्च तक 40000 करोड़ रु का अंतरिम डिविडेंड

2019 साल मार्च तक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) सरकार को 30,000 से 40,000 करोड़ रुपए का अंतरिम डिविडेंड दे सकती है। रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से सोमवार को यह जानकारी दी। डिविडेंड की रकम से मोदी सरकार को वित्तीय घाटे की भरपाई में मदद मिलने की उम्मीद है। आरबीआई बजट पेश होने से पहले डिविडेंड पर आखिरी फैसला ले सकता है। सरकार 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेगी।

आरबीआई जुलाई से अगस्त के बीच सरकार को डिविडेंड की रकम ट्रांसफर करता है। लेकिन, इस बार बजट से पहले ही किए जाने की उम्मीद है। आरबीआई का वित्त वर्ष जुलाई से जून तक चलता है। आरबीआई कानून के मुताबिक, सभी खर्चों के बाद आरबीआई के पास मुनाफे की जो रकम बच जाती है। उसका कुछ हिस्सा सरकार को ट्रांसफर किया जाता है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट में वित्त मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सरकार का राजस्व घाटा एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो सकता है। ऐसे में आरबीआई से मिलने वाला डिविडेंड से वित्तीय घाटे के लक्ष्य को जीडीपी के 3.3% पर रखने के लिए अहम होगा।

आरबीआई के रिजर्व फंड समेत सरकार से दूसरे विवादों की वजह से पिछले महीने उर्जित पटेल ने गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया था। शक्तिकांत दास आरबीआई के नए गवर्नर बनाए गए थे।

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आरबीआई को अपने रिजर्व फंड में कितना पैसा रखना चाहिए और सरकार को कितनी रकम डिविडेंड के रूप में देनी चाहिए, यह तय करने के लिए पिछले महीने समिति बना दी गई। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान इस समिति के अध्यक्ष हैं। समिति अपनी पहली बैठक से 90 दिनों के भीतर रिपोर्ट देगी।

आरबीआई के फंड में 9.6 लाख करोड़ रुपए हैं। यह आरबीआई के कुल एसेट का 28% है। सरकार का कहना है कि दूसरे बड़े देशों के केंद्रीय बैंक अपने एसेट का 14% रिजर्व फंड में रखते हैं।

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