आपके पिछले जन्म का राज खोल सकता है ये छोटा सा पन्ना, हो जायेगा ये खुलासा…
कभी-कभार आपने ऐसा सुना होगा या पढ़ा होगा कि कोई व्यक्ति अपने पिछले जन्म के बारे में लोगों को बताकर उन्हें हैरत में डाल देता है। हम में से कुछ लोगों को सपने में कोई एक ही चीज, घर या गांव ऐसी कई वस्तुएं अकसर दिखती है हम इनका सम्बन्ध पिछले जन्म से लगा लेते हैं।
कई बार किसी अनजान जगह पर जाकर हमें ऐसा लगता है कि हम यहां पहले भी आ चुके हैं। हालांकि ज्यादातर लोगों को इस बारे में पता नहीं होता कि वे पिछले जन्म में क्या थे, लेकिन इस बारे में जानने की इच्छा हर किसी में होती है।
शास्त्रों के मुताबिक, अपने पिछले जन्म में किए गए कर्मों के आधार पर इंसान इस जन्म में सुख या दुख प्राप्त करता है। जिंदगी में ऐसा होते कई बार आपने भी देखा होगा कि कोई इंसान भला होते हुए भी उसे तमाम कष्टों का सामना करना पड़ता है ऐसा पिछले जन्म में किए गए कर्म की वजह से ही होता है।
ऐसे में इंसान यही सोचता रहता है कि आखिर उसने ऐसा क्या किया होगा जिसके चलते आज उसके साथ ऐसा हो रहा है।\r\nज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, इंसान अगर चाहें तो अपने पिछले जन्म के बारे में पता लगा सकता है।
जी हां, आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि ज्योतिष विज्ञान आपके पिछले जन्म के बारे में क्या कहता है?
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, किसी व्यक्ति की कुंडली से उसके पिछले जन्म का पता लगाया जा सकता है। जैसे कि, यदि कुण्डली में गुरु पहले घर में बैठा है तो पूर्वजन्म में वह किसी विद्वान परिवार से ताल्लुक रखता होगा।
अगर गुरु पांचवें,सातवें या नवम घर में बैठा है तो ऐसे व्यक्ति पिछले जन्म में धर्मात्मा, सद्गुणी एवं विवेकशील रहे होंगे। इसका प्रभाव थोड़ा-बहुत इस जन्म पर भी होगा जिसके चलते ये इस जन्म में पढ़ने-लिखने में होशियार होते हैं।
यदि किसी की जन्म कुंडली में राहु पहले या सातवें घर में बैठा होता है, तो ऐसा हो सकता है कि पिछले जन्म में उनकी अस्वभाविक मृत्यु हुई होगी। ऐसे लोगों का मन इस जन्म में उलझनों में घिरा रहता है।
ऐसे व्यक्ति अपने वैवाहिक जीवन में भी तालमेल नहीं बैठा पाते हैं। स्वभाव से ये काफी चतुर-चालाक होते हैं।
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जिनका जन्म कर्क लग्न में हुआ है। यानी कि कुंडली में पहले घर में कर्क राशि है और चंद्रमा इस राशि में बैठा है तो ऐसे व्यक्ति पूर्वजन्म में व्यापारी रहे होंगे।
स्वभाव से ये चंचल होते हैं। इस जन्म में इनके जीवन में कई छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव रहते हैं, लेकिन ये अपनी जिंदगी में सफल होते हैं।
कुंडली में मंगल छठे, सातवें या दसवें स्थान में हो तो व्यक्ति पूर्वजन्म में कई लोगों को कष्ट पहुंचाया होगा। इन लोगों का वैवाहिक जीवन परेशानियों के चलते ठीक नहीं रहता है। इन्हें चोट और दुर्घटना के कारण कष्ट भी होता है।