इस शख्स के चूमने से गायब हो जाता है थर्ड स्टेज ट्यूमर…जानें कैसे हुआ ये चमत्कार…

‘चमत्कार’ शब्द का एक और अर्थ है, ‘बहुत ही हैरतअंगेज़ या कोई अनोखी घटना, चीज़ या कोई कारनामा।’ अपने आज तक के जीवन में इस किस्म के चमत्कार हर किसी ने ज़रूर देखे होंगे ये घटनाएं ऐसी होती हैं जिसमें परमेश्‍वर का कोई हाथ नहीं होता।

आज इंसान कुदरत के भौतिक नियमों की ज़्यादा समझ हासिल करने की वजह से ऐसे-ऐसे काम कर पाता है, जिन्हें एक वक्‍त पर लोग नामुमकिन समझते थे।

थर्ड स्टेज ट्यूमर

जैसे 100 साल पहले ज़्यादातर लोग उन सारे कामों को करने की सोच भी नहीं सकते थे, जो आज कंप्यूटरों, टी.वी., अंतरिक्ष में भेजे गए उपग्रहों और ऐसी ही दूसरी चीज़ों की वजह से आम बन चुके हैं।

लेकिन आज के इस आधुनिक समाज में हम आपके लिए एक ऐसी खबर लाए हैं जिसपर विश्वस करना थोड़ा मुश्किल है। साइंस के इस जमाने में अगर कोई बिमारी बिना डॉक्टरों के ऑपरेशन से सही हो जाती है तो यह किसी चमत्कार से कम नहीं होता है।

ऐसा ही एक चमत्कार हुआ गिआना नाम की एक मासूम बच्ची के साथ। यह बच्ची ब्रेन ट्यूमर से एक जंग लड़ रही थी ऐसे में उसके माता-पिता उसे अमरीका ले गए जहां उसके साथ एक चमत्कार हुआ।

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टरों ने बताया था कि बच्ची का ब्रेन ट्यूमर की आखिरी स्टेज में पहुंच चुका है।

लेकिन उसके साथ हुए एक चमत्कार से वो बिलकुल ठीक हो गई बता दें कि, ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने इस बच्ची का माथा चूमा था जिसके बाद बच्ची का ब्रेन ट्यूमर धीरे-धीरे कम होता चला गया और आखिरी स्टेज में पहुंच चुकी यह बच्ची पूरी तरह ठीक हो गई है।

जानकारी के लिए बता दें कि, यह घटना साल 2015 की है उस समय गिआना एक साल की थी। उन दिनों गिआना का परिवार उन्हें लेकर अमेरिका लेकर गया था।

ये खिलाड़ी बना ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट शतक जड़ने वाला पहला एशियाई विकेटकीपर

वहां पोप फ्रांसिस लोगों के बीच गए थे ऐसे में गिआना का परिवार उसे पोप से मिलाने के लिए आगे बढ़ने लगा।

लेकिन परेड में बहुत से सैन्य जवानों की तैनाती थी ऐसे में उन्होंने गिआना और उसके परिवार को किनारे करने की कोशिश की लेकिन तभी जवानों के सुरक्षा घेरे के निकल कर पोप फ्रांसिस आगे आए और बच्ची को आशीर्वाद देते हुए उसका माथा चूमा।

परिवार का कहना है कि तभी से गिआना के साथ यह चमत्कार हुआ और दिन प्रतिदिन उसका ब्रेन ट्यूमर ठीक होता गया।

LIVE TV