
नई दिल्ली। बीजेपी का रथ रोकने के लिए पश्चिम बंगाल में ममता सरकार पुरजोर कोशिश में लगी हुई है। इसके लिए आज वे कोलकाता हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस की बेंच के सामने अपनी आवाज बुलंद करेंगी।
इससे पहले कोलकाता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में भाजपा की प्रस्तावित रथयात्रा को मंजूरी देते हुए निर्देश दिया था कि प्रशासन ध्यान रखे कि इस दौरान कानून व्यवस्था का उल्लंघन ना हो पाए।
कोर्ट के इस फरमान को ममता सरकार के लिए बड़ा झटका माना गया। वहीं भाजपा की ओर से कोर्ट के फैसले पर धन्यवाद देते हुए कहा गया था कि हमे न्याय व्यस्था पर पूरा भरोसा था कि हमे न्याय जरूर मिलेगा। तानाशाही के मुंह पर ये एक जोरदार तमाचा है।
खबरों के मुताबिक़ बीजेपी की रथयात्रा को इजाजत देने के फैसले के खिलाफ ममता सरकार की याचिका पर आज कोलकाता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की बेंच में सुनवाई होगी।
वहीं गुरुवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में भाजपा की प्रस्तावित रथयात्रा को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही निर्देश दिया है कि प्रशासन ध्यान रखे कि इस दौरान कानून व्यवस्था का उल्लंघन ना हो। इससे पहले भी ममता सरकार ने भाजपा की रथ यात्रा पर रोक लगा दी थी।
वहीं बुधवार को इस मामले की सुनवाई के बाद अदालत की एकल पीठ ने कहा था कि बृहस्पतिवार को भाजपा के वकीलों को अपनी अंतिम दलील पेश करने के लिए 15 मिनट और राज्य सरकार को दस मिनट का समय दिया जाएगा। उसके बाद अदालत अपना फैसला सुनाएगी।
अदालत ने बुधवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बुधवार को सुनवाई के दौरान जज तपोव्रत चक्रवर्ती ने भाजपा के वकील से कहा कि अदालत रथयात्रा की अनुमति दे सकती है, लेकिन उसकी वजह से अगर सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ा और कानून व व्यवस्था की समस्या पैदा हुई तो क्या होगा?
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अदालत ने राज्य सरकार से भाजपा नेताओं के साथ बीते सप्ताह हुई बैठक का वीडियो फुटेज मांगा था। बीते शनिवार को सरकार ने भाजपा के प्रस्तावित रथ यात्रा की अनुमति देने से इंकार करते हुए कहा था कि इससे सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ने और कानून – व्यवस्था की समस्या पैदा होने का अंदेशा है।