
गर्भनिरोध के विभिन्न तरीकों में से महिलाएं सर्वाधिक गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करना पसंद करती हैं। इन ओरल कॉन्टासेप्टिव पिल्स का एक सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि गर्भनिरोध के इस उपाय के तहत वह अपनी इच्छानुसार गर्भधारण कर सकती हैं। अगर कोई महिला एक या दो साल तक मां नहीं बनना चाहती तो उसके लिए शायद ही इससे बेहतर दूसरा कोई गर्भनिरोध उपाय हो। लेकिन गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने के पश्चात भी अगर गर्भ ठहर जाए तो। जी हां, एक बेहतरीन गर्भनिरोध विकल्प माने जाने के बाद भी अक्सर यह फेल हो जाती हैं। जिसके पीछे कई कारण होते हैं। तो चलिए पड़ताल करते हैं ऐसे ही कुछ कारणों के बारे में-

यूं होती हैं प्रभावशाली
गर्भनिरोधक गोलियों के काम करने का अपना एक तरीका होता है। सबसे पहले तो यह सेवन करने वाली महिला के हार्मोन्स को रेग्युलेट करती है। इसके अतिरिक्त गर्भनिरोधक गोलियों को मुख्य कार्य महिला में अंडोत्सर्ग को बाधित करना होता है। जब महिला के शरीर के भीतर अंडोत्सर्ग बाधित हो जाता है तो उसे गर्भधारण नहीं होता।
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लें सही समय पर
गर्भनिरोधक गोलियों को शुरू करने का एक सही समय व तरीका होता है। अगर इसका सेवन सही प्रकार से न किया जाए तो इसकी प्रभावशीलता कम हो जाती है। आजकल मार्केट में कई ब्रान्ड की गर्भनिरोधक गोलियां मौजूद हैं, इसलिए कभी भी खुद से इसका सेवन शुरू न करें। बेहतर होगा कि आप पहले डॉक्टर से मिलकर उनकी सलाह पर इसकी शुरूआत करें। इसे हमेशा मासिक धर्म के पहले या दूसरे दिन ही प्रारंभ करें।
इसका सेवन तीन सप्ताह के लिए करें और माहवारी के दौरान एक सप्ताह तक ब्रेक करें। उसके बाद दोबारा तीन सप्ताह तक इन गोलियों का सेवन प्रारंभ करें। गोलियों के सेवन का क्रम इसी तरह चलता है। गोली लेते समय कोशिश करें कि आप एक समय सुनिश्चित करें। मसलन, अगर आप लंच टाइम में इसका सेवन कर रही हैं तो प्रतिदिन लंच में ही लें ताकि दो गोलियों के बीच लगभग 24 घंटे का गैप हो। साथ ही ऐसा करने से शरीर में हार्मोन बेहतर तरीके से रेग्युलेट हो पाते हैं। जिसके कारण गर्भधारण होने की संभावना न के बराबर हो जाती है।
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स्टोरिंग पर भी दें ध्यान
कुछ महिलाएं अपने बाथरूम में या फिर कार के बोनट पर इन गोलियों को रख देती हैं। शायद आपको पता न हो लेकिन ऐसी जगहों पर गर्भनिरोधक गोलियों को रखने से उनका प्रभाव काफी हद तक कम हो जाते हैं। गर्भनिरोधक गोलियों की प्रभावशीलता को बरकरार रखने के लिए इन्हें किसी कूल स्थान 75F/25C पर रखना चाहिए।
यह भी बनते हैं कारण
गर्भनिरोधक गोलियों के फेल होने के पीछे अन्य भी कई कारण होते हैं। जैसे अगर इसके सेवन के कुछ देर बाद महिला को उल्टी हो जाए तो उसे दवाई अपना असर नहीं छोड़ पाती है और गर्भधारण के चांस बढ़ जाते हैं। इस स्थिति में दोबारा गोली का सेवन करना उचित रहता है। वहीं जिन महिलाओं को पाचन तंत्र संबंधी परेशानियां होती है, उनके लिए भी इसका प्रभाव कम हो सकता है।
कभी-कभी महिला की मेडिकल हिस्टी भी गर्भनिरोधक गोलियों को निष्प्रभाव करने का काम करती है। इसलिए डाॅक्टर से कंसल्ट करते समय अपनी मेडिकल हिस्टी के बारे में अवश्य बात करें। साथ ही अगर आप किसी विशेष दवाई का सेवन कर रही हैं तो उसके बारे में भी डॉक्टर को बताएं। कुछ एंटीबायोटिक, एंटीप्रेसांट, एंटी-एचआई, एंटी फंगल, स्लीप टीटमेंट दवाईयां जैसे सरफेम, रैपिफलक्स, जोलाफट, कालेटा, प्रीजिस्टा, कार्बाटोल, ल्यूमिनल, टिपिप्टल, फेलबाटोल आदि गर्भनिरोधक गोलियों के प्रभाव को सीमित कर देती हैं।
धूम्रपान
धूम्रपान करना यूं तो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है ही, लेकिन अगर गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करते हुए धूम्रपान किया जाए तो खतरा और भी अधिक बढ़ जाता है। इसके कारण न सिर्फ गर्भनिरोधक गोलियां फेल हो जाती हैं, बल्कि इससे स्टोक और हार्ट अटैक की संभावना भी कई गुना बढ़ जाती है। दरअसल, निकोटिन ब्लड प्रेशर व हार्ट रेट को बढ़ाता है तथा यह गोलियां शरीर में अतिरिक्त एस्टोजन के चलते रक्त धमनियों में स्टेस को कई गुना बढ़ा देती हैं। हालांकि नवीनतम पीढ़ी की जन्मनियंत्रण गोलियां धूम्रपान करने वालों के लिए सुरक्षित साबित हुई है।




