
रिपोर्ट- विनोद कुमार
धर्म नगरी चित्रकूट के संतों में प्रयागराज की कुंभ व्यवस्थाओं को लेकर भारी आक्रोश। जिसके चलते खाक चौक से जुड़े साधु संतों ने कुम्भ मेले का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। क्योकि संतो को कैम्प लगाने के लिए उनकी परंपरागत भूमि आवण्टित नही की जा रही है। जिससे सन्तो ने आक्रोश जाहिर किया है और अगर उनकी अपनी परम्परागत भूमि न मिली तो 2019 में प्रयागराज में आयोजित होने वाले कुंभ मेले का बहिष्कार करेंगे। आज चित्रकूट के ब्रम्हपुरी आश्रम में बैठक कर संतो ने यह निर्णय लिया है ।
आपको बता दें 2019 में होने वाले कुंभ की तैयारियों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है लेकिन कुम्भ की शान संत समाज अब प्रयागराज में होने वाले 2019 के कुंभ का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। संतों ने योगी सरकार पर आरोप लगाया है कि वैष्णो संप्रदाय के संतोे की भावनाओं के साथ सरकार खिलवाड़ कर रही है और अनादि काल से चली आ रही जमीन जोकि परंपरागत तौर पर संतों के कैम्प बनाने के लिए आवंटित की जाती थी उस जमीन से 5 से 10 किलोमीटर की दूरी पर दूसरी जमीन पर हम लोगों को स्थापित करने की सरकार की मंशा पूरी तरह से अनुचित है।
जिसको लेकर संतो ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया है और चेतावनी दी है कि अगर हमारी मांगे नहीं मानी जाती हैं तो देश देशभर के 300 से ज्यादा महामंडलेश्वर संत महंत अपने कैम्प कुंभ में नहीं बनाएंगे और इस कुंभ का बहिष्कार करेंगे ।संतों ने कहा कि इतना अपमान संतो का आजम खा के समय पर भी नही हुआ है बल्कि उनके समय मे संतो के कैम्पो को जरा सा भी इधर उधर नही किया गया था । लेकिन योगी सरकार जिस तरह से सन्तो की भावनाओं से खिलवाड़ किया जाता है उससे निश्चित तौर पर पूरा संत समाज आहत है।
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सरकार प्रयागराज में 2019 के कुम्भ का भले ही शानदार आयोजन कराने के लिए भरसक प्रयास कर रही हो किन्तु संतो के सम्मान की कही न कही अनदेखी की जा रही है जिससे संत सामाज योगी सरकार में खुद को आहत महसूस कर रहा है।