
लखनऊ। जलपुरुष के नाम से प्रसिद्ध पर्यावरणविद् डॉ. राजेंद्र सिंह ने यहां गुरुवार को कहा कि गंगा भारत की जीवनधारा रही है। सांस्कृतिक, धार्मिक, आस्था, अध्यात्म का केंद्र रही है, लेकिन मौजूदा केंद्र सरकार इसको व्यावासायिक नदी बनाने में लगी हुई है।
प्रेस क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान डॉ. सिंह ने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण नगरों, कारखानों का प्रदूषित जल पहले ही गंगा में जा रहा था, अब नए जल परिवहन मार्ग से गंगा में भारी-भरकम कार्गो मालवाहक जहाज चलाए जाने से नदी का पूरा पर्यावरणीय और पारिस्थतिकी तंत्र बिगड़ जाएगा। इस कारण गंगा में पाए जाने वाले जीव-जंतु और जैव विविधता का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा, जिसका गंगा के दोनों किनारों पर बसे शहरों और गांवों की आबादी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने कहा, “इस कारण भारत की आर्थिक स्थति और सामाजिक संस्कृति में तेजी से गिरावट होगी, क्योंकि गंगा हमारे संपूर्ण जीवन के साथ जुड़ी हुई है। इसलिए जीवन के सभी पक्षों को प्रभावित करती है।”
डॉ. सिंह ने कहा, “भारत को यदि हम फिर गौरवशाली स्थति में लौटाना चाहते हैं तो गंगा के पुराने रूप को वापस लाना होगा। आज गंगा इतनी प्रदूषित हो चुकी है कि उसके पानी से किडनी, कैंसर, चर्मरोग आदि बढ़ रहे हैं। पहले इसी के जल से ये रोग ठीक होते थे।
उन्होंने कहा कि गंगा के सच्चे पुत्र स्वामी सानंद ने गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए, लेकिन सरकार पर इसका जरा सा भी असर नहीं दिखा। उनके सपने को साकार करने के लिए विगत 30 सितंबर से गौमुख से गंगासागर तक गंगा सद्भावना यात्रा शुरू की गई है जो देश के विभिन्न शहरों और गांवों से होती हुई 14 जनवरी, 2019 को गंगा सागर में समाप्त होगी। यात्रा का उद्देश्य समाज को गंगा की वास्तविक परिस्थति और उसकी बीमारी के कारणों को जन जन तक पहुंचाना है।
डॉ. सिंह ने कहा, “आज गंगा के बारे में झूठ बोला जा रहा है। लोगों को बहलाने के लिए गंगा की अविरलता और निर्मलता के नाम पर सिर्फ घाटों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। याद रखिए, यदि गंगा नहीं रही तो भारतीय संस्कृति खतरे में पड़ जाएगी।”
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गंगा सद्भावना यात्रा का नेतृत्व कर रहे आजादी बचाओ आंदोलन की यात्रा के अब तक के पड़ाव रुद्रप्रयाग, हरिद्वार, ऋषिकेश, मेरठ, सहारनपुर, शामली, मुज्जफरनगर गढ़मुक्ते श्वर, बरेली, शहजहांपुर, इलाहाबाद, सोनभद्र, मऊ, कानपुर, बलिया, आजमगढ़, गोरखपुर, बस्ती, फैजाबाद, आयोध्या होते हुए गुरुवार को लखनऊ पहुंची।