क्या है कार्पल टनल सिंड्रोम, जानें लक्षण और बचाव
आज की सुविधाजनक चीजों से जितनी आपकी लाइफ को आसान बनाया है उतना ही आपकी लाइफ को मुश्किल में भी डाल दिया है। आज चाहें कोई किसी ऑफिस में काम कर रहा हो या ना कर रहा हों, कंप्यूटर और लैपटॉप में लगा रहता है। इससा सीधा असर आपकी खूबसूरत आंखू को झेलना पड़ता है। आंखों के साथ-साथ कई बार आपको अपनी उंगलियां तक गवांने की नौबत आ जाती है। उंगलियों के संबंधित एक ऐसी ही समस्या है कार्पल टनल सिंड्रोम जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
क्या हैं कार्पल टनल सिंड्रोम
इस बीमारी में व्यक्ति किसी भी चीज को ठीक से पकड़ने में असमर्थ होता है। उसे पूरा दिन अपने हाथ में कमजोरी लगती है। साथ ही उसे सूजन का भी अहसास होता है। यह सूजन केवल उंगलियों तक ही नहीं रहती है यह हथेली से लेकर कुहनी तक भी बढ़ जाती है। यह बीमारी देखने में जितनी ही आसान ओर सरल नजर आ रही है असल में उतनी ही खतरनाक होती है। हांलाकि इस बीमारी को आपकी सबसे छोटी उंगली पर कोई असर नहीं पड़ता है।
लक्षण
हाथ में सूजन महसूस होना।
हथेली से लेकर कोहनी तक तेज दर्द।
चीजों को आसानी से पकड़ने में असमर्थ होना।
चीजों का हाथ से छूट जाना।
हार्मोन में बदलाव आना। ऐसा ज्यादातर महिलाओं में होता है।
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क्या करें
ड्राइविंग में भी बरतें सावधानी
हाथों व कलाइयों पर अधिक दबाव डालने से बचना चाहिए। यदि आप लंबी दूरी तक लगातार ड्राइव करते हैं तो कोशिश करें कि स्टियरिंग व्हील या हैंडल पर आपकी ग्रिप थोड़ी ढीली रहे ताकि कलाइयों पर ज्यादा दबाव न बने। हाथों पर दबाव डालकर नहीं सोना चाहिए। सही मुद्रा में सोना चाहिए ताकी हाथों की नसों पर दबाव न पड़ें।
एक्सरसाइज
कार्पल टनल के दर्द को नियमित एक्सरसाइज से भी काबू पाया जा सकता है। खासतौर पर कलाई और उंगलियों से जुड़ी एक्सरसाइज इसमें बहुत मददगार साबित होती हैं। बांहों, कलाइयों और उंगलियों को स्ट्रेच करने, कंधों और गर्दन की सामान्य एक्सरसाइज करने, कलाइयों को क्लॉक वाइज और एंटी क्लॉक वाइज घुमाने जैसे एक्सोरसाइज से इस दर्द पर काबू पाया जा सकता है।
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बचाव
- कंप्यूटर पर काम करते वक्त की-बोर्ड कोहनी की ऊंचाई से ऊपर न रखें।
- लंबे समय तक बैठने पर कमर को सीधा रखने की कोशिश करें।
- कलाई, कमर व गर्दन का व्यायाम रोजाना करें।
- अपने शरीर को लेकर विशेष सावधानी बरतें। उंगलियों को बीच-बीच में आराम देते रहिये।
- कंप्यूटर पर काम करने वालों के लिए जरूरी है कि वे अपनी कमर, बाजुओं और पैरों को ऐसी स्थिति में रखें कि कलाई और उंगलियों में कम से कम दबाव पड़े।
- हाथों में थकान होने पर बैठकर गहरी सांस लेने, संगीत सुनने, ध्यान या प्रार्थना से भी लाभ मिलता है।
- इस समस्या से बचने के लिए काम के दौरान थोड़ी-थोड़ी में हाथों को आराम देते रहें।