हल्के में ना लें कम उम्र में बच्चों का बाल गिरना, ये है इसके कारण
आजकल के बदलते मौसम और खान-पान ने सभीका ही जीना बेहाल कर रखा है। पहले जमाना कुछ और था जब यह केवल बड़े लोग ही बोला करते थे कि हमारे बाल झड़ रहे हैं। आज ये समस्या आप बच्चों के मुंह से भी सुन सकते हैं। बच्चों का खान-पान इतना बेकार हो गया है कि आपको हर दूसरे बच्चें के मुंह से यह सुनने को मिल ही जाएगा कि बाल खराब हो रहे हैं या बाल झड़ रहे हैं।
यह बात को हर किसी ने सुनी होगी कि 2 से 3 साल तक के बच्चों में 1 सेंटीमीटर तक के बाल हर महीने बढ़ते हैं। लेकिन बाद में कुछ समय के बाद बाल एकदम से बढ़ना बंद कर देते हैं। उस समय पर रोज 50 से 100 तक बाल गिरते हैं। लेकिन अगर आपके बच्चे के बाल उससे भी ज्यादा गिर रहे हैं तो आपको एक बार डॉक्टर से जरूर मिल लेना चाहिए।
कारण
अलोपेसिया
अलोपेसिया बच्चों के सिर पर बाल ना उगने का सबसे बड़ा कारण है। एक सर्व में इस बात की पुष्टि हो गई है कि करीब 50 से 100 बच्चों में इस बीमारी के लक्षण देखे गए हैं। अगर इस समस्या का समय पर इलाज ना कराया जाए तो यह आपके लिए कतरनाक साबित हो सकता हैष कई बार इससे बाल दूबारा निकलने में भी समस्या का सामना करना पड़ता है।
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त्रिकोटिलोमेनिया
बच्चों में आंशिक रूप से बालों के झड़ने की अवस्था को त्रिकोटिलोमेनिया के नाम से जाना जाता है। इस अवस्था में बाल असमान रूप से झड़ते हैं, और गंभीर मामलों में यह अवस्था आंखों की भौहों पर भी असर कर सकती है। यह एक ऐसी अवस्था है जिसमे, किसी डर के कारण, बच्चे में अपने ही बाल नोचने की उत्तेजना पैदा होती है। इस तरह के बालों के झड़ने की अवस्था को स्थायी रूप से इलाज करने के लिए इसे जड़ से उखाड़ने की आवश्यकता होती है।
टेलोजन एफ्लूवीअम
तेज बुखार, अन्य खतरनाक बीमारी होने पर बच्चों के बाल झड़ जाते हैं। कई बार टेलोजन एफ्लूवीअम एक ऐसा हमला है बीमारियों का जिसके कारण कई तरह के भावनात्मक परेशानियों के चलते बाल झड़ने लगते हैं। सिर पर बाल पुटिकाएं के माध्यम से ही बढ़ते हैं।