
खनऊ। मथुरा के जवाहरबाग में हुई हिंसा में साफ़ तौर पर प्रशासनिक लापरवाही सामने आई है। इसी वजह से एसपी मुकुल द्विवेदी और एसओ संतोष यादव को जान गंवानी पड़ी। जवाहरबाग हिंसा पर मथुरा के एसएसपी राकेश कुमार की चूक भी सामने आ रही है।
खबर है कि यूपी के एडिशनल डीजी दलजीत चौधरी ने जवाहरबाग हिंसा के पहले ही एसएसपी राकेश कुमार को जानकारी दी थी कि दो हजार से ज्यादा लोग जवाहर पार्क में हैं। इनके पास बड़ी संख्या में हथियार हैं।
मथुरा के एसएसपी की चूक!
एडिशनल डीजी दलजीत चौधरी ने मथुरा के एसएसपी को सचेत करते हुए कहा था कि कोई भी कार्रवाई करने से पहले जवाहर बाग़ की रेकी करवाएं। जब तक पूरे जोन से पुलिस बल न मंगवा लेंं, तब तक कोई कार्रवाई न की जाए।
हैरानी की बात तो यह है कि एसएसपी ने मथुरा के डीएम तक की नहीं सुनी और एसपी मुकुल द्विवेदी को लाठी डंडे से लैस चंद पुलिस वालों के साथ उन कब्जाधारियों का सामना करने भेज दिया। सामने आई रिपोर्ट की माने तो अगर जवाहरबाग में पर्याप्त पुलिस बल को भेजा जाता तो इतना बड़ा नुकसान नहीं होता।
अब सवाल उठ रहे हैं कि मथुरा के एसएसपी ने अपने सीनियर की इतनी बड़ी बात को दरकिनार क्यों किया? इससे पहले राकेश कुमार के खिलाफ शिकायतें सीएम दरबार में पहुंचने लगी थीं तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था। लेकिन बाद में सपा नेता प्रोफेसर रामगोपाल यादव के कहने पर राकेश कुमार को अभयदान मिला था।