लोकसभा चुनाव के लिए ‘चाणक्य’ को भाया ‘अटल’ नाम, साबित होगा असरदार?

रिपोर्ट- राम अनुज भट्ट

लखनऊ। 2014 के लोकसभा के आम चुनाव में भले ही एक नारे की गूंज रही हो। आप समझ ही गए होंगे कि आखिर वह नारा कौन सा था। वह नारा था एक ऐसे मसीहा का जिसको लोग भारत का तारणहार समझने लगे थे।

लोकसभा

उसके भाषण में वह करिश्माई ताकत सी लगने लगी थी कि मानों देश चारों तरफ मुसीबतों से घिरा हुआ है और वह देश की नइया पार लगाएगा। जी हां… हम किसी और की बात नहीं। बल्कि देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ही बात कर रहे जिन्होंने चुनावी मंच हो या लाल किले की प्राचीर सब जगह से सिर्फ। विकास, विकास और विकास का नारा दिया।

लोगों ने नारे को सच ही मान लिया पर यह नारा जमीन पर कितना उतर पाया। ये तो जनता बखुबी ही जानती है। ऐसे में 2019 का लोकसभा चुनाव भाजपा के लिए कड़ी चुनौती है।

यह भी पढ़ें:- छात्र संघ चुनाव स्थगित… आमने-सामने सपा-भाजपा, अध्यक्ष पद उम्मीदवार ने लगाये गंभीर आरोप

2014 के चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा गठबंधन को 73 सीटे दी। वहां 73 प्लस के आकड़े को भाजपा छुना चाहती है। महंगाई, भ्रष्टाचार और राफेल जैसे मुद्दों ने लोकसभा की डगर मुश्किल कर दी है। भाजपा की 22 राज्यों में सरकार बन चुकी है। पर केंद्र की सत्ता का जाने का डर वाकई सताने लगा है।

सूत्रों की मानें तो पार्टी और संघ के सर्वे में लोकसभा की सीटें बहुत तेजी से घट रही हैं। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने 2019 के चुनाव के लिए नया फार्मूला अपनाया है। ‘अजेय अटल’ इस नारे को लेकर भाजपा लोकसभा के चुनाव में उतरेगी।

यह भी पढ़ें:- ‘चाचा’ ने तरकश से निकाला ऐसा तीर कि ‘भतीजे’ की डूब जाएगी सियासी लुटिया!

जहां 2014 से 2019 के कार्यकाल की उपलब्धि को जनता तक पहुंचाना है। साथ ही चुनाव के दौरान अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर भी चुनाव का दारोमदार रहेगा।

देखें वीडियो:-

LIVE TV