केरल में आयी तबाही के पीछे भारत इसलिये नहीं ले रहा विदेशी मदद…
केरल। केरल में आयी बाढ़ के बाद भारत को कई देशों न सहायता की पेशकश की। लेकिन भारत ने सभी की सहायता को मना कर दिया। भारत ने अंतिम बार वर्ष 2004 में बिहार में आई बाढ़ के बाद राहत कार्य के लिए अमेरिका व ब्रिटेन से सहायता ली थी।
दरअसल 2004 की सुनामी में काफी क्षति उठाने के बाद भी भारत ने दूसरे किसी भी देश से आर्थिक मदद नहीं ली। भारत ने श्रीलंका, थाइलैंड समेत अन्य देशों को आर्थिक मदद जरूर दी।
केरल में बाढ़ के बाद जब विदेशी सरकारों की तरफ से मदद का प्रस्ताव आने लगे तो विदेश मंत्रालय ने अपने सभी दूतावासों व मिशनों को यह याद दिलाया है कि वे इन्हें नम्रतापूर्वक लेने से मना कर दे।
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गौरतलब है कि विदेशी निजी संस्थाएं या एनजीओ राहत कार्य या आपदा बाद पुनर्स्थापना से जुड़े कार्यों में मदद कर सकते हैं। उसके पहले गुजरात भूकंप (2001) में कई देशों ने भारत को वित्तीय मदद दी थी।
भारत इस फैसले के जरिए दुनिया को यह बताना चाहता है कि वह अपनी समस्याओं से निपटने में सक्षम है।
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बता दें कि एक समय भारत में कोई भी प्राकृतिक आपदा आने पर उसकी कोशिश विश्व बैंक, आईएमएफ समेत अन्य विदेशी सरकारों से ज्यादा से ज्यादा आर्थिक मदद लेने की होती थी ताकि राहत कार्यतेजी से हो सकें, लेकिन 2004 से भारत ने किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा के लिए विदेशी आर्थिक मदद लेने की इस परंपरा पर रोक लगा दी।