बागेश्वर| टनकपुर रेलमार्ग को बनाये जाने के लिये बागेश्वर रेल समिति द्वारा बागेश्वर तहसील परिसर मे आन्दोलन का प्रथम चरण क्रमिक अनशन शुरू कर दिया गया है। गोविन्द सिह भण्डारी का कहना है कि आजादी से पहले बागेश्वर-टनकपुर का सर्वे हो गया था लेकिन आज तक इस मार्ग का निर्माण नही हो पाया है।
वागेश्वर मार्ग को रेल से जोडा जाना हैं आवश्यक- बागेश्वर को इसलिए रेल से जोडा जाना आवश्यक है, क्योंकि बागेश्वर चीन से काफी निकट है। गोविन्द भण्डारी बताते है कि इस रेल मार्ग के लिये 10 से भी अधिक बार हम लोग जन्तर- मन्तर दिल्ली मे भी आन्दोलन कर चुके है और टनकपुर रेल मार्ग के लिये हम लोग तहसील बागेश्वर मे अनशन पर भी बैठ चुके है। यह बागेश्वर जनता की आवाज है।
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रविवार सुबह टनकपुर बागेश्वर रेल लाइन संघर्ष समिति की अध्यक्ष नीमा दफौटी के नेतृत्व में कार्यकर्ता जोरदार नारेबाजी के साथ तहसील प्रांगण में जमा हुए। सभा में वक्ताओं ने कहा कि अंग्रेजों ने अपने शासनकाल में रेल लाइन का सर्वे हुआ।
आंदोलनों के बल पर पिछली यूपीए सरकार ने इस मांग को राष्ट्रीय योजना में शामिल तो किया लेकिन बजट की कोई व्यवस्था नहीं की। अब केंद्र में मोदी सरकार है वह भी चुप है। इस मांग को लेकर आंदोलन शुरू करने से पहले एक शिष्टमंडल केंद्र सरकार से मिलने जाएगा।