औरंगाबाद में देश के पहले ‘वर्ल्ड टायलेट कॉलेज’ का शिलान्यास

नई दिल्ली। आरबी (पूर्व नाम रेकिट बेन्किजर) ने वल्र्ड टायलेट ऑर्गनाइजेशन (सिंगापुर) और जागरण पहल के सहयोग से औरंगाबाद में स्वच्छता कामगारों के लिए देश के पहले ‘वर्ल्ड टायलेट कॉलेज’ का शिलान्यास किया। परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष और ग्लोबल इंटरफेथ वॉश अलायंस के सह-संस्थापक, स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कार्यक्रम में कहा, “स्वच्छता एक बुनियादी आवश्यकता है, जिसके बल पर कोई व्यक्ति एक स्वस्थ्य जीवन जी सकता है।

वर्ल्ड टायलेट कॉलेज

हालांकि दुर्भाग्य से हमारे देश में यह एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। वल्र्ड टॉयलेट कॉलेज एक संस्थान के रूप में ऐसा महत्वपूर्ण उदाहरण पेश करेगा, जो सही जानकारी साझा करने का मंच प्रदान कर समाज के सबसे महत्वपूर्ण वर्ग के कल्याण में मदद करेगा।”

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वल्र्ड टॉयलेट ऑर्गनाइजेशन के संस्थापक जैक सिम ने कहा, “एक सामान्य व्यक्ति एक साल में 2,200 बार टायलेट इस्तेमाल करता है। लगभग छह बार रोजाना, जिसके फलस्वरूप नाली-गटर अवरुद्ध होते हैं। कामगारों को अपर्याप्त सुरक्षा उपकरणों और प्रशिक्षण के बिना अत्यंत असुरक्षित तरीकों से मल के गाढ़े कीचड़ में काम करना पड़ता है। वे सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से बहिष्कृत भी होते हैं। वल्र्ड टायलेट कालेज का लक्ष्य इन कामगारों के अंदर गर्व की भावना स्थापित करना है।”

होम हाइजीन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, नरसिम्हन इस्वार ने कहा कि औरंगाबाद में वल्र्ड टायलेट कॉलेज से दो साल में 5,000 स्वच्छता कामगार बेहतर कौशलों और नौकरी के साथ सशक्त बनकर डिग्री प्राप्त करेंगे।

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यहां जारी एक बयान के अनुसार, दो साल की अवधि के दौरान 5,000 स्वच्छता कामगारों का सशक्तीकरण करने, कौशल उन्नयन करने का लक्ष्य रखा गया है। एक प्रभावी पाठ्यक्रम के माध्यम से वर्ल्ड टायलेट कॉलेज का लक्ष्य स्वच्छता कामगारों को समर्थ बनाने वाला एक कार्यक्रम शुरू करने का है। यह कार्यक्रम उनके कौशल विकास और बेहतर रोजगार अवसर उपलब्ध कराकर उनके सामाजिक-आर्थिक स्तर में सुधार लाने में मदद करेगा।

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