उपसभापति चुनाव में कमजोर पड़ रहा कांग्रेस का दांव, हरिवंश का उपसभापति बनना तय
नई दिल्ली| उपसभापति चुनाव में कांग्रेस का दांव कमजोर पड़ता दिखाई दे रहा है। कांग्रेस किसी भी कीमत पर ये मौका नहीं गवाना चाहती है। सरकार और विपक्ष के लिए नाक का सवाल बने उपसभापति चुनाव के लिए कभी पासा इधर तो कभी उधर पड़ रहा है। ताजा जानकारी के मुताबिक अब कांग्रेस का गणित गड़बड़ाने लगा है।
बीजू जनता दल विपक्ष के उम्मीदवार को समर्थन देने में आना-कानी करता दिख रहा है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने उड़ीसा के मुख्यमंत्री और बीजद प्रमुख से टेलीफोन पर बातचीत की थी।
आजाद को बीजद के समर्थन की उम्मीद थी, लेकिन ऐन वक्त पर बीजद ने समर्थन देने में आनाकानी दिखाई है। इस तरह से गणित को गड़बड़ाता देखकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इस पद के लिए वंदना चह्वाण को मैदान में उतारने से कदम पीछे खींच लिया है। इसी कड़ी में सरकार और विपक्ष ने अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।
यह भी पढ़ें: दलाई लामा ने किया खुलासा, देश के प्रधानमंत्री के रूप में नेहरू नहीं जिन्ना थे महात्मा गांधी की पहली पसंद
एनडीए की तरफ से जदयू के राज्यसभा सांसद हरिवंश नारायण सिंह जबकि कांग्रेस की तरफ से सांसद बीके हरिप्रसाद मैदान में होंगे। दोनों ही पार्टियाँ जीत का दावा कर रही हैं, लेकिन बीजू जनता दल की ओर से हरिवंश सिंह का समर्थन किए जाने के ऐलान के बाद एनडीए का पक्ष मजबूत नजर आ रहा है।
हरिवंश की जीत लग रही है पक्की-
राज्यसभा के 245 सदस्यों के सदन में उपसभापति पद पर जीत के लिए 123 सांसदों की जरूरत है। बीजेडी के साथ आने की पूरी संभावना को देखते हुए एनडीए उम्मीदवार हरिवंश के इस आंकड़े को पार कर लेने की उम्मीद है। मौजूदा सियासी गणित के हिसाब से एनडीए उम्मीदवार को 126 वोट मिलने की संभावना दिख रही है।
इसमें एनडीए के 91 के अलावा उन्हें बीजद के 9, वाइएसआर कांग्रेस 2, टीआरएस के 6, आइएनएलडी का 1, अन्नाद्रमुक के 13, मनोनीत 3 और असंबद्ध अमर सिंह का एक वोट हरिवंश के खाते में स्पष्ट है। इस संख्या के हिसाब से हरिवंश की जीत पक्की है।