पुरुषों के बजाय महिलाओं में तेजी से बढ़ रही है यह बीमारी, ऐसे करें बचाव
भारत का लगभग हर इंसान किसी न किसी बीमारी से पीड़ित है। कभी मोटापा ज्यादा तो कभी वजन कम। यह सब समस्या लगी ही रहती हैं। एक सर्वे में पता चला है कि थायरॉइड की समस्या महिलाओं में अधिक है। आइये जानते है थायरॉइड से जुड़े कुछ तथ्य।
थायरॉइड कैसे होता है
थायरॉइड हॉर्मोन के असंतुलन होने के कारण होता है। थायरॉइड मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं- हाइपरथायरॉइडिज्म जो ऐट्रियल फिब्रिलेशन, ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर का कारण बन सकता है इस प्रकार के थायरॉइड में वजन तेजी से घटता है और दूसरा हाइपोथायरॉइडिज्म जो मायक्सेडेमा कोमा और मृत्यु का कारण बन सकता है, इस प्रकार के थायरॉइड में वजन तेजी से बढ़ता है।
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ऑटोइम्यून थायरॉइड बीमारी
थायरॉइड समस्याओं का सबसे आम कारण ऑटोइम्यून थायरॉइड रोग (AITD) है। यह एक वंशानुगत यानी जेनेटिक स्थिति है, जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली ऐंटिबॉडी उत्पन्न करती है, जो थायरॉइड ग्रंथियों को अधिक हॉर्मोन बनाने के लिए उत्तेजित करती है। सीटी स्कैन या अल्ट्रासाउंड से गर्दन के निचले हिस्से में सूजन के साथ मौजूद थायरॉइड नोड्यूल का पता लग सकता है। बढ़ती हुई गर्दन से थायरॉइड कैंसर का पता चलता है, साथ ही निगलने में कठिनाई के साथ आवाज में बदलाव भी हो सकता है।
हाइपर थायरॉइडिज्म के लक्षण
मे वजन घटना
गर्मी न झेल पाना
ठीक से नींद न आना
प्यास लगना
अत्यधिक पसीना आना
हाथ कांपना
लगातार मल त्याग की इच्छा करना
दिल तेजी से धड़कना
कमजोरी
चिंता और अनिद्रा
हाइपोथायरॉइडिज्म के लक्षण
सुस्ती आना
थकान लगना
कब्ज की दिक्कत
धीमी हृदय गति
ठंड लगना
सूखी त्वचा
बालों में रूखापन
अनियमित मासिकचक्र
इन्फर्टिलिटी
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बचाव
दिन में रोज 30 मिनट तक योग करें।
स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए फाइबर से भरपूर और कम फैट वाला खाना खाएं।
योग, ध्यान, डांस आदि से तनाव कम करने और खुद रहने में मदद मिल सकती है।
जितना हो सके तनाव से खुद को दूर रखें।