पाकिस्तान के पास सिर्फ 10 हफ्ते, इस आफत से चीन तो क्या भगवान भी नहीं बचा पाएगा
नई दिल्ली: भारत को धूल चटाने का सपना देखने वाले पाकिस्तान पर बड़ा संकट मंडरा रहा है. खबर है कि पाकिस्तान अगले 10 हफ्तों में पूरी तरह से कंगाल होने वाला है. इस बात से पूरी दुनिया हैरत में है और पाकिस्तान की हालत पर टकटकी लगाए है.
पाकिस्तान पर बड़ा संकट!
पाकिस्तानी रुपये की वैल्यू इंटरनैशनल मार्केट में लगातार गिर रही है. ताजा हालत के मुताबिक 1 डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी मुद्रा की कीमत 120 रुपये तक गिर गई है. हालत सुधारने के लिए पाकिस्तान लगातार चीन से कर्ज ले रहा है लेकिन इसका भी कोई असर अब तक देखने को नहीं मिला है. पाकिस्तान का चीन और इसके बैंकों से इस वित्तीय वर्ष में लिया गया कर्ज करीब 5 बिलियन डॉलर तक पहुंचने के कगार पर है.
पाकिस्तान की आया का एक बड़ा हिस्सा टूरिज्म से आता है लेकिन आतंकवाद की पनाहगाह बने इस देश में दुनिया भर के लोग जाना ही नहीं चाहते. इस वजह से यहां टूरिज्म से आने वाला पैसा लगभग बंद हो चुका है. इसका खतरनाक असर पाकिस्तान की इंटरनैशनल करंसी पर पड़ा है. देश का इंटरनैशनल करंसी भण्डार पूरी तरह से तहस-नहस हो गया है.
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इसके साथ ही पाकिस्तान का आयात बढ़ा है और चाइना पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर में लगी कंपनियों को भारी भुगतान के कारण भी विदेशी मुद्रा भंडार ख़ाली हो रहा है.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के पास अब 10.3 अरब डॉलर का ही विदेशी मुद्रा भंडार है, जो पिछले साल मई में 16.4 अरब डॉलर था.
पाकिस्तानी अखबार डॉन की मानें तो पाकिस्तान भुगतान संकट के चलते चीन से 1-2 बिलियन डॉलर (68- 135 अरब रुपए) का नया लोन लेने जा रहा है. यह इस बात का एक और संकेत है कि पाकिस्तान बीजिंग पर आर्थिक तौर पर किस कदर निर्भर हो चुका है.
ताजा आंकड़ों को देखें तो पाकिस्तान के पास जितानी विदेशी मुद्रा है वो 10 हफ़्तों के आयात के ही बराबर है. विदेशों में नौकरी कर रहे पाकिस्तानी लोग अपने देश में जो पैसे भेजते थे उसमें भी काफी गिरावट आई है.
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पाकिस्तान का व्यापार घाटा भी लगातार बढ़ रहा है. पाकिस्तान के एक्सपोर्ट में लगातार कमी आई है. पिछले साल पाकिस्तान का व्यापार घाटा 33 अरब डॉलर का रहा था. कच्चे तेल की बढ़ती कीमत से पाकिस्तान को और ज्यादा आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.
पाकिस्तान में ज्यादातर लोग इनकम टैक्स भी नहीं देते हैं. 2007 में पाकिस्तान में इनकम टैक्स भरने वालों की संख्या 21 लाख थी जो 2017 में घटकर 12 लाख 60 हज़ार हो गई. इस वजह से भी करेंसी की समस्या हुई है.
विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार की इस खस्ताहाल की मुख्य वजह केंद्रीय बैंक के रुपए की कृत्रिम मजबूती को बनाए रखने की कोशिश है.
कुल मिलाकर पाकिस्तान की अपने देश को कंगाल होने से बचाने की सारी कोशिशें अब तक बुरी तरह फेल रही हैं. अब देखने वाली बात ये होगी कि आगामी 10 हफ़्तों में पाकिस्तान ऐसा क्या करता है कि उसे कंगाली का मुंह न देखना पड़े.