
बैतूल: यहां का जिला अस्पताल गुरुवार को उस वक्त एक झाड़-फूंक सेंटर में बदल गया जब एक बेटा अपने मरे हुए पिता की आत्मा लेने के लिए पहुंचा. बेटे के साथ उसका पूरा परिवार भी मौजूद था. मजे की बात तो ये है कि अस्पताल के गेट पर ढोल नगाड़े की थाप पर चले इस कार्यक्रम की प्रशासन को भनक तक नहीं लगी.

पिता की आत्मा ले गया बेटा
जानकारी के मुताबिक, नीमच जिले के रहने वाले राजू गुरुवार शाम 5 बजे अपने 35 साल पहले मर चुके पिता की आत्मा लेने अस्पताल पहुंचा. अस्पताल के मुख्य गेट पर डेढ़ घंटे तक पूजा-पाठ करने के बाद वह एक ज्योत लेकर लौट गया.
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मेन गेट पर बैठकर राजू और उसके परिवारवालों ने हवन किया और पूजा की. हवन होता रहा और ढोल बजते रहे. इस दौरान कई डॉक्टर वहां से गुजरे लेकिन किसी ने मामला समझने की कोशिश ही नहीं की. किसी ने न तो प्रशासन को जानकारी दी और न ही राजू को समझाने का प्रयास किया.

राजू ने बताया कि हमारे घर के देवता ने बताया कि तेरे पिता की आत्मा जिला अस्पताल में भटक रही है. हम उसे लेने आए हैं. इसके बाद राजू ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया और जलती हुई ज्योत लेकर वापस लौट गया.
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इस बाबत जब सिविल डॉ. ए. के. मिश्रा से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें किसी व्यक्ति द्वारा हॉस्पिटल के बाहर पूजा किए जाने की जानकारी मिली थी. यह पता नहीं कि वे किसी आत्मा को लेने आए थे और इतनी देर तक हवन किया व ढोल बजाया.
(नोट-हम अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाले काम का समर्थन नहीं करते. जिला हॉस्पिटल जैसे संवेदनशील स्थान पर इस घटना से मरीज व परिजन परेशान हुए। इसलिए यह खबर छापी गई है)





