
रिपोर्ट- शरद श्रीवास्तव
सुल्तानपुर। भले ही आज लोग हिन्दू मुस्लिम के नाम पर लोगों को बांटने का प्रयास कर रहे है। धर्म संप्रदाय को लेकर आपस में भिड़ाए, लेकिन इन सब से अलग सुल्तानपुर की जिला जेल में अनोखी पहल देखने को मिली। जिला जेल में हर मंगलवार को सुन्दरकाण्ड के पाठ का आयोजन किया जाता है।
लेकिन दिलचस्प बात ये है कि इस सुन्दरपाठ की शुरुआत एक मुस्लिम बंदी ने कई सालों पूर्व की थी जो आज भी चल रही है। इतना ही नहीं हर मंगलवार को वे सुंदरपाठ के आयोजन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं और लोगों के साथ सुंदरकाण्ड की चौपाइयां पढ़ते हैं।
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अब्दुल वाहिद जो पिछले कई सालों से जिला जेल में एक मामले में बन्द हैं। लेकिन इन सबके बावजूद जेल में रहते ही इन्होंने एक अनोखी शुरुआत की जो आज हिन्दू मुस्लिम के नाम पर बांटने वालों के नाम पर गहरा तमाचा है। अब्दुल वाहिद ने करीब 6-7 साल पहले जिला जेल में हर मंगलवार को सुंदरपाठ का आयोजन शुरु कराया जो आज तक अनवरत चल रहा है।
अब्दुल वाहिद इस दौरान खुद सुंदरपाठ में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं साथ ही सुंदरपाठ की चौपाइयों को कहते हैं। हिन्दू मुस्लिम की खाई पाटने का काम करने वाले वाहिद बिना किसी बैर भाव के हर धर्मसंप्रदाय के त्यौहारों और कार्यक्रमों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं।
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इनकी माने तो बचपन में इनकी पढ़ाई हिन्दी माध्यम से हुई थी और उस दौरान अपने गुरुवों से जो इन्होंने शिक्षा ग्रहण की उसी का असर आज भी इनपर है। इनकी नजर में न कोई धर्म छोटा और न बड़ा। ये सब धर्मों में समान आस्था रखते हैं।