
जम्मू| जम्मू एवं कश्मरी के कठुआ में आठ साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या के मुख्य आरोपी सांजी राम ने जांचकर्ताओं को बताया कि जब उसे यह पता चला कि उसका लड़का भी घुमंतू समुदाय की लड़की के अपहरण और दुष्कर्म में शामिल है, तब उसने अपने बेटे को बचाने और घुमंतू समुदाय में डर पैदा करने के लिए लड़की की हत्या कर दी। अपराध शाखा के सूत्रों ने बताया कि सांजी राम ने जांचकर्ताओं को बताया कि उसे पीड़िता से दुष्कर्म होने की जानकारी घटना के चार दिन बाद मिली।
एक सूत्र ने बताया, “जब सांजी राम को यह पता चला कि उसका बेटा विशाल भी लड़की से दुष्कर्म करने वालों में शामिल है, उसने निश्चय कर लिया कि पीड़िता को अब जीवित नहीं छोड़ा जा सकता।”
जांचकर्ताओं के सामने हुए खुलासे के अनुसार, एक अन्य नाबालिग आरोपी यानी सांजी राम के भतीजे ने लड़की का अपहरण करने के दिन, 10 जनवरी को पहली बार उसके साथ दुष्कर्म किया था।
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भतीजे ने सांजी राम को बताया कि उसके बेटे विशाल ने भी पीड़िता से दुष्कर्म किया है। इस खुलासे के बाद पीड़िता की हत्या करने से सांजी राम को अपने दो मकसद पूरे होते नजर आए। एक तो वह घुमंतू समुदाय को गांव से बाहर खदेड़ना चाहता था और उसे अपने बेटे को भी जेल जाने से बचाना था। सबूत मिटाने की गरज से उसने बच्ची की हत्या कर दी।
जांचकर्ताओं ने बताया कि सांजी राम ने अपने एक मित्र से कार लाने के लिए कहा, ताकि शव को ठिकाने लगाया जा सके।
सूत्र ने बताया कि जब उसके मित्र ने कार लाने में असमर्थता जताई तो सांजी राम ने अपने बेटे और अन्य आरोपियों से शव को ‘देवस्थान’ से दूर कहीं फेंकने के लिए कहा। यहीं पर पीड़िता को बंधक बनाकर बार-बार दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। पीड़िता का शव 17 जनवरी को जंगलों में मिला था।
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इसके सबूत मिटाने के लिए सांजी राम ने दो पुलिसकर्मियों- एक उपनिरीक्षक और एक हेड कांस्टेबल को चार लाख रुपये दिए थे। अपराध शाखा ने उन्हें भी मामले में अभियुक्त बनाया है।
मुख्य आरोपी ने खुलासा करते हुए कहा कि पीड़िता को शांत रखने के लिए भांग पिलाया गया था।
एक दैनिक हिंदी अखबार ने तो फर्जी खबर छापकर दुष्कर्म की बात झूठी साबित करने की कोशिश की। अखबार के इस बेशर्म कृत्य का विरोध करते हुए हाल ही में पटना में इसी अखबार के कार्यक्रम का कई नामचीन कवियों ने बहिष्कार किया था।