
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की 17 झुग्गियों में कराए गए एक सर्वेक्षण से यह खुलासा हुआ है कि वहां करीब 62.6 फीसदी बुजुर्गो को पेंशन और वृद्धावस्था के अन्य लाभ नहीं मिल रहे हैं। माहिया प्रगति मंच और सीएफएआर की मदद से मानव विकास संस्थान द्वारा किए गए सर्वेक्षण से यह जानकारी मिली है, जिसे दिल्ली के तीन जिलों -उत्तर-पूर्व, पूर्व और शाहदरा- में 3,004 परिवारों के बीच किया गया था।
सर्वेक्षण में कुल 14,339 लोगों को शामिल किया गया, जिसमें से 444 प्रतिभागी दिव्यांग थे तथा 2,199 प्रतिभागी बुजुर्ग थे। इन बुजुगों में से करीब 37.3 फीसदी लोग वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त कर रहे हैं और बाकी के 42.6 फीसदी बुजुर्गो को पेंशन समेत वृद्धावस्था का कोई अन्य लाभ नहीं मिल रहा है।
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सर्वेक्षण में शामिल परिवारों में 36.4 फीसदी (1,094) परिवारों की मुखिया महिलाएं थीं और उनमें से 79 फीसदी विधवाएं थीं, दो फीसदी परित्यक्ता थीं और तीन फीसदी अकेली महिलाएं थीं।
कुल 860 विधवाओं में 269 (31 फीसदी) को विधवा पेंशन प्राप्त नहीं हो रहा है। कुल 444 दिव्यांगों में से 64 बच्चे थे, जिनकी उम्र छह से 17 साल के बीच थी। इनमें से 24 बच्चों ने कभी स्कूल का मुंह नहीं देखा।
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कुल 444 दिव्यांगों में से 268 के पास दिव्यांगता का सर्टिफिकेट था और उन्हें पेंशन मिल रहा है, जबकि 176 के पास दिव्यांगता सर्टिफिकेट नहीं था और उन्हें किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।