बहुत कर लिए चांद की सैर इस दफा सूर्य की बारी! अंतिम पड़ाव पर पहुंची NASA की तैयारी

विज्ञान और आविष्कार हमेशा से लोगों में एक रोमांच पैदा करते रहे हैं। विज्ञान ने हर बार वो कर दिखाया जिसकी कल्पना मात्र ही इंसान करता रहा। हो भी क्यों नहीं आखिर कल्पना को हकीकत के पंख देने की कला सिर्फ विज्ञान के पास ही है। जिसे एक इंसानी दिमाग जन्म देकर उसे असल जिंदगी में साकार करने का जोखिम उठाता है।

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सूर्य पर इंसानी कदम

एक बार फिर कुछ नया करने की दिशा में ऐसा ही एक कदम उठाया जा रहा है जो सूर्य पर इंसान के पहुंचने के ख्वाब को सच कर दिखाएगा।

बता दें नासा का पार्कर सोलर प्रोब जिसे सूर्य तक मानवता का पहला मिशन नाम दिया गया है, अपने अंतिम चरण में है। जल्द ही इसे लाच किये जाने की खबर है।

खबरों के मुताबिक़ पार्कर सोलर प्रोब संभवतः 31 जुलाई को उड़ान भरेगा। स्पेसक्राफ्ट को अमेरिकी एयर फोर्स फ्लोरिडा लेकर जा चुकी है जहां इसकी टेस्टिंग चल रही है। डेल्टा IV हेवी लॉन्च व्हिकल पर ले जाने से पहले इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है।

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अगले कुछ महीने स्पेसक्राफ्ट की सघन जांच चलेगी। इंधन भरे जाने से पहले जिसे सबसे मुश्किल चरण माना जाता है, स्पेसक्राफ्ट में थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम (टीपीएस) इंस्टॉल किया जाएगा।

टीपीएस बहुत क्रांतिकारी टेक्नोलॉजी मानी जा रही है जिसकी बदौलत स्पेसक्राफ्ट सूर्य की जला देने वाली गर्मी झेल पाएगा।

अमेरिका में जॉन हॉपकिन्स अप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी के एंडी ड्रिसमैन सोलर प्रोब के प्रोजेक्ट मैनेजर हैं। उन्होंने बताया कि पार्कर सोलर प्रोब को कई अहम चरण पार करने हैं।

उन्होंने कहा, इस मिशन को पूरा करने में कई लोगों की अदभुत टीम की मेहनत रंग लाएगी। लॉन्च व्हिकल पर स्पेसक्राफ्ट ले जाने से पहले टीपीएस इंस्टॉल करना सबसे अहम काम होगा।

पार्कर सोलर प्रोब फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। पूरे 7 साल यह स्पेसक्राफ्ट सूर्य के बारे में अहम जानकारियां जुटाएगा और ग्रहों के फिजिक्स पर से पर्दा उठाएगा।

पार्कर सोलर प्रोब को सूर्य तक मानवता का पहला मिशन कहा जा रहा है। लॉन्चिंग के बाद यह सौर वातावरण-कोरोना से गुजरेगा। अब से पहले सूर्य के इतने करीब इंसानों की बनाई कोई चीज नहीं गई।

इस मिशन का मकसद यह जानना है कि आखिर इतनी ताप और रोशनी का राज क्या है जिससे सौर वायु उत्पन्न होती है।

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