नई दिल्ली। सीबीएसई की ओर से 12वीं बोर्ड के इकोनॉमिक्स और 10वीं बोर्ड के मैथ का पेपर, लीक करने वाले आरोपियों ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। आरोपियों ने कहा कि अपने दोस्त की मदद करने और कुछ रुपयों की लालच में उन्होंने ऐसा काम किया।
मामले की जांच कर रही पुलिस ने रविवावार को ये जानकारी देते हुए कहा कि ऋषभ, रोहित और तौकिर पिछले पांच साल से एक-दूसरे को जानते थे। तौकीर इस मामले में तीसरा आरोपी है। तौकरी ने रोहित और ऋषभ से अपने स्टूडेंट्स की मदद करने के लिए 12वीं का सीबीएसई का इकनॉमिक्स का पेपर हासिल करने के लिए कहा।
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पुलिस के मुताबिक़ परीक्षा नीरिक्षकों ने एग्जामिनेशन डे पर एग्जाम शुरू होने के 45 मिनट पहले करीब 9:45 पर उपलब्ध कराया और उन्हें देखने की इजाजद भी दे दी। एग्जाम 10:30 पर शुरू होता है।
हालांकि आरोप है कि स्कूल अथॉरिटीज ने टीचर्स को 9:10 पर क्वेश्चन पेपर मुहैया करा दिया था, जिसे उन्होंने रोहित और ऋषभ को दिया था कि वे उसकी फोटो क्लिक करके तौकीर को भेज सकें और वह उसे अपने स्टूडेंट के बीच बांट दे।
पुलिस का कहना है कि हम इस मामले की भी जांच कर रहे हैं कि इन तीनों ने सिर्फ यह पेपर लीक कराया था, या इससे पहले भी पेपर लीक कराने का काम कर चुके हैं। ऋषभ इस स्कूल में फिजिक्स का टीचर है। ऋषभ ने पंजाब टैक्निकल यूनिवर्सिटी से बीटेक किया और उसके बाद बीऐड।
उसी स्कूल में रोहित गणित का टीचर है। उसने हरियाणा के बहादुरगढ़ से बीएससी की। जबकि तौकीर एक प्राइवेट इंस्टिट्यूट में इकनॉमिक्स पढाता है। पुलिस ने बताया कि ये तीनों पिछले दो हफ्तों से यह षड़यंत्र रच रहे थे।
गौरतलब है कि पेपर लीक की खबर सामने आने के बाद सीबीएसई ने फिर से परीक्षा कराने की घोषणा की है। पेपर लीक केस में सीबीएसई अधिकारियों से भी पूछताछ की जा सकती है। जांच के लिए गठित एसआईटी ताबड़तोड़ छापेमारी भी कर रही है। पेपर लीक के मुख्य आरोपियों को हिरासत में लिए जाने के बाद उनसे पूछतांछ की जा रही है।
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वहीँ इस पूरे प्रकरण पर सीबीएसई की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और जल्द ही इन लोगों को पकड़ लिया जाएगा। दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी कहा है कि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो इसके लिए लीक प्रूफ प्रणाली विकसित की जाएगी। बता दें कि पेपर लीक और फिर से परीक्षा कराने को लेकर सीबीएसई की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं।