दावोस: WEF में आतंकवाद पर तल्ख दिखे मोदी, कहा- अच्छे और बुरे आतंक में अंतर ज्यादा खतरनाक

दावोस। देश के प्रधानसेवक नरेन्द्र मोदी ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बैठक को संबोधित किया. इस संबोधन की शुरुआत नमस्कार से करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दावोस में भारत की शुरुआत 1997 में हुई थी जब उस समय के प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा यहां पहुंचे थे।

देश के प्रधानसेवक नरेन्द्र मोदी

उन्होंने कहा, ‘उस वक्त इस मंच का स्लोगन था ‘बिल्डिंग दि नेटवर्क सोसाइटी’। और जब हमें आने का मौक़ा मिला है तो हम सिर्फ नेटवर्क सोसाइटी ही नहीं बल्कि बिग डेटा, आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस के युग में जी रहे हैं’।

उन्होंने कहा कि तब से लेकर अब तक भारत की जीडीपी 6 गुना हो चुकी है।

सेशन की शुरुआत करते हुए स्विटजरलैंड के राष्ट्रपति अलेन बर्सेट ने कहा ग्लोबल इकोनॉमी बदलाव के दौरान से गुजर रही है। उन्होंने कहा कि विकास की दौड़ में हमें अंधकार को गले नहीं लगाना है। हमारी कोशिश होनी चाहिए कि विकास का फायदा सोशल इंक्लूजन के जरिए समाज में सभी वर्गों तक पहुंचे।

पीएम मोदी ने कहा कि जब दुनिया के सामने कोई साझा चुनौती आए तो सभी को एकजुट होकर उनका सामना करने की जरूरत है। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के सामने क्लाइमेट चेंज की बड़ी चुनौती है और हम इससे लड़ने के लिए अभीतक एकजुट होकर प्रयास नहीं कर पा रहे हैं।

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भारतीय परंपरा में प्रकृति के साथ गहरा रिश्ता है। हजारों साल पहले भारत में मानव मात्र को भूमि माता पुत्रो अहम पुत्र यानी हम सभी पृथ्वी की संतान हैं। यदि ऐसा है तो आज हम पृथ्वि की संतानों में युद्ध क्यों चल रहा है?

भारत को 2022 तक 100 गीगा वॉट बिजली का उत्पादन करना है। एक तिहाई लक्ष्य को हम प्राप्त कर चुके हैं। इंटरनैशनल एलाएंस की पहल पर हमारी यह कोशिश अब सफल हो चुकी है।

पीएम मोदी ने किया लादेन का ज़िक्र

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 1997 में बहुत कम लोगों ने ओसामा बिन लादेन का नाम सुना था और कंप्यूटर से हारने का डर शतरंज के खिलाड़ियों में नहीं था। उस वक्त इंटरनेट पर आपको जंगल और नदियों के बारें में जानकारी मिलती थी।

आज दो दशकों के बाद हमारा समाज एक जटिल नेटवर्क से बंधा है, उस वक्त भी दावोस अपने समय से आगे था और आज भी वह आगे है। इस वर्ष क्रिएटिंग अ शेयर्ड वर्ल्ड इसका थीम है।

आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती

पीएम मोदी ने कहा कि भारत के सामने दूसरी सबसे बड़ी चुनौती आतंकवाद है। आतंकवाद से दुनिया की सभी सरकारें परिचित हैं।

मोदी ने कहा कि दूसरी सबसे बड़ी चुनौती विश्व के सामने आतंकवाद है। आतंकवाद जितना खतरनाक है उससे भी ज्यादा खतरनाक है अच्छे आतंकवाद और बुरे आतंकवाद के बीच बनाया गया अंतर।

पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत के 60 करोड़ मतदाताओं मे 2014 में पहली बार किसी एक राजनीतिक पार्टी को केन्द्र में इतना बड़ा मैनडेट दिया है’।

हमने परफॉर्म, रिफॉर्म ट्रांसफॉर्म की नीतियों के बदलने की पहल की है। इसी का नतीजा है कि भारत में कारोबार करना, निवेश करना, टूरिज्म के लिए जाना इत्यादि पहले की तुलना में बहुत आसान हो चुका है।

स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी का जताया आभार

स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति अलेन बर्सेट ने पीएम मोदी का आभार जताते हुए कहा कि वह भारत के साथ संबंधों को मजबूत करना जारी रखेंगे। इसके अलावा नरेंद्र मोदी स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन के साथ भी बैठक करेंगे।

वहीँ आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि इस बार का वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम इंडिया का वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम है। उन्होंने कहा कि पीएम दावोस में इंडिया का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, यह बहुत अच्छी बात है’।

मोदी के साथ दावोस पहुंचा बड़ा प्रतिनिधिमंडल

पीएम मोदी के साथ इस सम्मेलन में सबसे बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी दावोस पहुंचा है। इसमें 6 केंद्रीय मंत्री, 100 सीईओ और कुछ मुख्यमंत्री भी शामिल हैं।

बता दें इस प्रतिनिधिमंडल के लिए खाना बनाने की जिम्मेदारी ताज होटल ग्रुप के शेफ की टीम को दी गई है। खास बात यह है कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल के लिए भारत से 32 शेफ की टीम और 1,000 किलो मसाले भी दावोस ले जाए गए हैं।

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यह टीम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी खाना बनाएगी।

60 CEOs ने बैठक में लिया हिस्सा

इसके अलावा ‘इंडिया मीन्स बिजनेस’ टैगलाइन के तहत हुए इस राउंड टेबल मीटिंग में वैश्विक कंपनियों के 40 और भारत के 20 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

वहीँ बैठक के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘दावोस में भारत के विकास की कहानी बताते और भारत में वैश्विक व्यापार के लिए मौजूदा अवसरों की चर्चा करते पीएम मोदी।’

भाषण से पहले बड़ी खुशखबरी!

पीएम नरेंद्र मोदी के दावोस पहुंचने से पहले ही भारत के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। अंतरर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने उम्मीद जताई है कि 2018 में भारत की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहेगी। इन सबमे सबसे ख़ास बात यह है कि इस दौरान चीन की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहेगी। तो इस तरह भारत उभरती अर्थव्यवस्थाओं मे सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा।

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