कर्ज के बोझ तले दबे शहीद उधम सिंह के पोते ने की आत्महत्या

शहीद उधम सिंहनई दिल्ली। शहीद उधम सिंह के पोते किसान गुरदेव सिंह ने आत्महत्या कर ली। वह काफी समय से कर्ज के बोझ तले दबे हुए थे। उन्हें उम्मीद थी कि सरकार की तरफ से मदद मिलेगी लेकिन ऐसा न हुआ। पंजाब में शुरू हुई कर्ज माफी स्कीम की लिस्ट में अपना नाम न पाकर खुदकुशी कर ली।

फरीदकोट जिले के चाहल गांव के किसान गुरदेव पर बीस लाख रुपये का कर्ज था। माली हालत अच्छी न होने के कारण उन्हें सरकार से उम्मीद थी कि कर्ज माफी की सूची में उनका भी नाम शामिल होगा, लेकिन नाम न पाकर निराशा की स्थिति में उन्होंने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

पुलिस मामले की जांच कर रही है। गौरतलब है कि राज्य के पांच जिलों में शुरू हुई इस योजना के तहत पांच जिलों के 47 किसानों काे दो लाख तक का कर्ज माफी योजना का लाभ मिला है।

दूसरी तरफ अभी इस स्कीम में पाई गई खामियों के चलते इसका विरोध जारी है। अकाली दल तथा आम आदमी पार्टी ने तो इसे बड़ा मुद्दा बना लिया है। किसान संगठन भी इसका विरोध कर रहे हैं।

कौन थे शहीद उधम सिंह

26 दिसंबर 1899 को पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम गाँव में जन्मे उधम सिंह ने जलियाँवाला बाग में हुए नरसंहार का बदला लेने की प्रतिज्ञा की थी, जिसे उन्होंने नरसंहार कांड के 21 साल बाद खुद अंग्रेजों के घर में जाकर पूरा किया।

भारत के इस सपूत ने माइकल ओडवायर को मारा था, जो अमृतसर में बैसाखी के दिन हुए नरसंहार के समय पंजाब प्रांत का गवर्नर था।

ओडवायर के आदेश पर ही जनरल डायर ने जलियाँवाला बाग में सभा कर रहे निर्दोष लोगों पर अंधाधुँध गोलियाँ बरसाई’ थीं। उधम सिंह इस घटना के लिए ओडवायर को जिम्मेदार मानते थे।

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