मदरसों की आड़ में पल रहा आतंकवाद! शिया वक्फ बोर्ड ने खोली पोल, आग बबूला हुए ओवैसी ने मांगा सबूत

मोदी सरकारनई दिल्ली आतंकवाद पर मोदी सरकार को आगाह करते हुए शिया वक्फ बोर्ड ने देश में चल रहे मदरसों को निशाने पर लिया। बोर्ड ने इस मामले में पीएम मोदी तक चिट्ठी के जरिए सूचना पहुंचाई। बोर्ड ने सरकार को बताया कि मदरसों से आतंकवाद देश में पैर पसार रहा है। उन्होंने इस ओर भी सरकार का ध्यान खीचने की कोशिश की कि कई आतंकवादी संगठन अवैध रूप से चल रहे मदरसों को फंडिंग करने का काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं अपनी बातों में बोर्ड ने सभी मदरसों को कॉन्वेंट स्कूलों में तब्दील करने का भी सुझाव दिया।

वहीं दूसरी ओर शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा भेजी गई इस चिट्ठी के विरोध में आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलीमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने विरोध जताया।

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उन्होंने अपनी नाराजगी ज़ाहिर करते हुए शिया वक्फ बोर्ड को मौक़ापरस्त और सबसे बड़ा जोकर कहा। उनका कहना है कि शिया बोर्ड अपनी आत्मा आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) को बेच चुके हैं।

ओवैसी ने आगे कहा, “मैं रिजवी को चैलेंज करता हूं कि वे एक भी ऐसा मदरसा बता दें, जहां इस तरह की पढ़ाई हो रही है। अगर उनके पास सबूत है तो उसे होम मिनिस्टर को दिखाएं।”

खबरों के मुताबिक़ रिजवी ने अपनी इस चिट्ठी को लेकर एक अंग्रेजी न्यूज चैनल से बात की। उन्होंने कहा, “मैंने पीएम को लिखी चिट्ठी में साफ किया है कि हिंदुस्तान में चल रहे अधिकतर मदरसे गैर मान्यता प्राप्त हैं। वे चंदे से चल रहे हैं। ज्यादातर इनसे नुकसान ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को हो रहा है। यहां पढ़ने वाले अधिकतर मुस्लिम बच्चे बेरोजगारी की ओर बढ़ रहे हैं। क्योंकि यहां की पढ़ाई का स्तर काफी गिरा हुआ है। टाट-पट्टी के स्तर पर यहां मदरसों को मान्यता दी जा रही है।”

शिया वक्फ बोर्ड के मुखिया ने आगे पूछा, “कितने मदरसों ने इंजीनियर, डॉक्टर और आइएएस अधिकारी पैदा किए हैं? मगर कुछ मदरसों ने आतंकी जरूर पैदा किए हैं।”

उन्होंने मदरसों को लेकर एक सुझाव भी दिया। वह बोले, “मदरसों को सीबीएसई-आईसीएसई से मान्यता मिलनी चाहिए। उनमें अन्य धर्मों के बच्चों को भी पढ़ने की मान्यता दी जानी चाहिए। यही नहीं, धार्मिक शिक्षा का विकल्प भी वहां दिया जाना चाहिए। पीएम और यूपी के सीएम को इस बाबत चिट्ठी लिखी है। यह हमारे देश को और मजबूत बनाएगा।”

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बता दें वसीम रिजवी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि ज्यादातर मदरसे जकात के पैसे से चल रहे हैं जो भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों से आ रहे हैं। कुछ आतंकवादी संगठन भी अवैध रूप से चल रहे मदरसों को फंड दे रहे हैं।

पत्र में यह भी लिखा गया है कि मुस्लिम इलाकों में ज्यादातर मदरसे सऊदी अरब के भेजे धन से चल रहे हैं। इसकी जांच की जानी चाहिए।

मोदी को लिखे पत्र में रिजवी ने कहा है कि मदरसों में शिक्षित युवा रोजगार के मोर्चे पर अनुत्पादक होते हैं। उनकी डिग्रियां सभी जगह मान्य नहीं होतीं और खासकर निजी क्षेत्र में जो रोजगार है, उसमें मदरसा शिक्षा की कोई भूमिका नहीं होती। ऐसे में पूरा समुदाय समाज के लिए ‘हानिकारक’ हो जाता है।

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