
नई दिल्ली। गुड़गांव के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में हुई दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले प्रद्युम्न की हत्या के आरोपी जुवेनाइल की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। सेशन कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते हुए सारी सुनवाई बंद कमरे में करने के आदेश जारी किए हैं। जेजे बोर्ड ने भी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
बता दें कि गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जुवेनाइल आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में बाल सुधार गृह भेज दिया था। आरोपी 16 वर्षीय छात्रा रेयान इंटरनेशनल स्कूल में ही 11वीं में पढ़ता है। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने पिछले साल 20 दिसंबर को आरोपी छात्र को वयस्क मानकर मुकदमा चलाए जाने का आदेश दिया था।
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वहीं सरकारी वकील का कहना था कि वरिष्ठ क्लीनिक मनौवैज्ञानिक डॉ. जोगिंदर सिंह कायरो ने आरोपी के साथ पांच घंटे समय गुजारने के बाद मनोवैज्ञानिक रिपोर्ट तैयार की थी। सीबीआई ने इस केस की जांच हाथ में लेने के बाद केस को नया मोड़ देते हुए जुवेनाइल को प्रद्युम्न की हत्या का आरोपी बनाया गया था।
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नाबालिग के केस में क्या होता है?
जेजे ऐक्ट के तहत नाबालिग का मामला जूवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने रखा जाता है। जूवेनाइल को अधिकतम तीन साल तक बाल सुधार गृह में रखा जा सकता है लेकिन जूवेनाइल की उम्र 16 साल से 18 साल के बीच हुई तो नए जेजे ऐक्ट के तहत गंभीर अपराध के मामले में अलग कैटिगरी में रखे जाने का प्रावधान है। जेजे बोर्ड मामले को चिल्ड्रेन कोर्ट (सेशन कोर्ट) भेज सकता है।