कारखाने और गाड़ियां नहीं आपके किचन में मौजूद है प्रदूषण का ‘केंद्र’

भारत में प्रदूषणवाशिंगटन: भारत में प्रदूषण कहर ढा रहा है. अधिकतर बड़े शहरों की हवा जहरीली होने के स्तर तक पहुंच गई है. अभी तक लोग इसकी वजह हमारी बदलती लाइफ स्टाइल, कारखानों और फक्ट्रियों को मां रहे थे लेकिन एक रिपोर्ट में इसकी वजह का जो खुलासा हुआ है वो आप को भी सकते में डाल सकता है.

भारत में प्रदूषण की असली वजह

एटमॉस्फेरिक केमेस्ट्री एंड फिजिक्स नाम के जर्नल में छापे गए एक शोध में भारत में प्रदूषण के मुख्य कारण बताए गए हैं. आपको जान कर हैरानी होगी कि इसमें ग्रामीण इलाकों में इस्तेमाल होने वाले परंपरागत चूल्हे को प्रदूषण का मुख्य कारण बताया गया है.

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इस रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के पर्यावरण और निवासियों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव की असली वजह मिट्टी के चूल्हे हैं. भारत में ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर इनका इस्तेमाल होता है.

इस रिसर्च में पंडित रविशंकर शुक्ला यूनिवर्सिटी और पुणे के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी के वैज्ञानिक शामिल हैं.

वैज्ञानिकों ने मिडिल इंडिया के रायपुर शहर में 20 दिन तक कई परीक्षण करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है.  रायपुर एक ऐसी जगह है जहां आज भी तीन चौथाई से अधिक परिवार भोजन पकाने के लिए पारंपरिक चूल्हे का इस्तेमाल करते हैं.

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वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर राजन चक्रवर्ती ने बताया कि, ‘हमने भारत के विभिन्न हिस्सों से लाए विस्तृत किस्म के जैव ईंधन जलाए और भोजन पकाया. इसमें पता चला कि भारत में चूल्हों से निकलने वाले सूक्ष्म कणों को लेकर पहले का आकलन कम था.इसके परिणाम चौंकाने वाले थे.’

उन्होंने कहा कि प्रयोगशालाओं में पहले निकाले गए निष्कर्षों के मुकाबले इस बार के परिणाम चौंकाने वाले थे. क्योंकि इसमें पहले की तुलना में दोगुना कार्बन उत्सर्जन हुआ. परंपरागत चूल्हा भारत में प्रदूषण का सबसे बड़ा स्रोत और एक बड़ी समस्या है.

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