तिहाड़ जेल में लिखी किताब खोलेगी 2G मामले से बरी राजा की ‘पोल’

2जी घोटालेनई दिल्ली। यूपीए सरकार के शासनकाल में हुए 2जी घोटाले में सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। जिसमे पूर्व टेलिकॉम मंत्री ए. राजा और कनिमोझी जैसे बड़े दिग्गजों का नाम शामिल था। वहीँ आरोपों से बरी होने के बाद ए. राजा इस केस से जुड़ी अपनी एक किताब को छपवाने के लिए तैयार हो चुके हैं। राजा ने पहले कहा था कि इस किताब में उनकी गिरफ्तारी और ट्रायल की वजहों के बारे में खुलासा किया जाएगा।

मामले से वाकिफ एक व्यक्ति ने बताया कि ये किताब बेहद आक्रामक अंदाज में लिखी गई है। जिसका विमोचन 20 जनवरी तक किया जा सकता है। साथ ही ये भी बताया कि, इस किताब में 200 से भी ज्यादा पन्नों हैं जिसमे 2जी की अहम घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा पेश किया गया है। सूत्रों के मुताबिक़ इस किताब को पेंग्विन ने प्रकाशित किया है। बता दें कि 2G घोटाला मामले में पूर्व टेलिकॉम मंत्री ए. राजा को 15 महीने तिहाड़ जेल में रहना पड़ा था।

31 को थलाइवा करेंगे सबसे बड़ी घोषणा, जाता हुआ साल करेगा सरप्राइज

2015 में एक इंटरव्यू में राजा ने कहा था कि, “यह किताब जेल में बिताए गए उनके दिनों और उन्हें जेल क्यों भेजा गया, उसकी वजहों के बारे में होगी”। उनका कहना था कि “एकाधिकार खत्म करने के लिए उन्हें परेशान किया गया”।

एक सूत्र ने बताया, ‘राजा एक राजनेता हैं और इतने बड़े केस में उनके राजनीतिक उतार-चढ़ाव का जिक्र निश्चित तौर पर उस किताब में होगा, जिन्होंने काफी मेहनत से उसे लिखा है। इसमें उनके संघर्ष का जिक्र होगा। उन्होंने जिन मुश्किलों का सामना किया है, उनके राजनीतिक पतन और जिस भरोसे के साथ उन्होंने मुकदमे लड़े, उन चीजों का जिक्र होगा।’ राजा ने पिछले हफ्ते अपनी रिहाई के बाद किताब पर आगे बढ़ने का फैसला किया।

राजा के एक और सहयोगी ने बताया, ‘पहले केस में अंतिम दलीलें पूरी होने के बाद किताब के लोकार्पण का फैसला किया गया। हालांकि, हमने बाद में इसे टाल दिया, क्योंकि हम ऐसी किसी भी चीज में नहीं फंसना चाहते थे, जिसे कोर्ट या पब्लिक ऑपिनियन को प्रभावित करने वाला मान लिया जाए।’ किताब का लोकार्पण वैसी अपीलों से नहीं रुकेगा, जो सीबीआई की तरफ से तैयार की जा रही हैं।

जम्मू एवं कश्मीर में शीत लहर का कहर, माइनस 15 डिग्री पर पहुंचा पारा

एक सूत्र के मुताबिक, ‘यह किताब वैसे लोगों के लिए प्रेरणादायी होगी, जो मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।’ राजा की किताब में पिछली यूपीए सरकार के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अन्य नेताओं के साथ उनके (राजा) के बीच हुए पत्राचार का जिक्र होगा। राजा पर स्पेक्ट्रम आवंटन की प्रक्रिया को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री को गुमराह करने का आरोप लगाया गया है। हालांकि, विशेष अदालत को इन आरोपों में कोई सबूत नहीं मिला और उसने सिंह को गुमराह करने के मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के दो अधिकारियों को दोषी ठहराया।

LIVE TV