मजाक उड़ाने के लिए दी जाती थी रूह कंपाने वाली खौफनाक सजा
स्कूल में तो सभी को थोड़ी बहुत ही सही सजा मिली ही होगी। बड़े होकर बाहर की दुनिया में निकलने पर कई सजाओं के बारे में पढ़ा, सुना या देखा ही होगा। विश्व के कई देशों में आज भी अलग-अलग तरह की सजाएं दी जाती हैं। लेकिन प्राचीन काल में कई जगहों पर खौफनाक सजाएं दी जाती थीं। जिसे जानकर ही रूह कांप जाएगी।
प्राचीन सामंतवादी यूरोप और उसके उपनिवेश रहे कुछ देशों में चलन में एक खौफनाक सजा थी। इसमें किसी व्यक्ति को अपराधी समझे जाने पर या उससे बदला लेने के लिए पहले तो इंसान के कपड़े उतारकर उस पर खौलता तारकोल डाल देते। इसके बाद उसके ऊपर पंख (पक्षियों के) डाल देते।
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इस तरह तारकोल की गर्मी से उसकी चमड़ी झुलस जाती और ऊपर से चिपके इन पंखों की वजह से वह किसी अजूबे प्राणी की तरह लगने लगता। जिससे लोग उसकी खिल्ली उड़ाते। इसके बाद उसे किसी दूरस्थ स्थान पर छोड़ दिया जाता।
इस पीड़ा व शर्मिंदगी से छुटकारा पाने के लिए पीड़ितों को चिकित्सकीय मदद लेनी पड़ती थी, जहां पर डॉक्टर उनके शरीर पर चिपके पंखों को निकालते, फिर उनकी त्वचा का इलाज किया जाता।
अमेरिकी क्रांति के दौरान अमेरिका में इसके कई मामले सामने आए थे। प्रथम विश्वयुद्घ के दौरान भी कुछ जगहों पर ऐसी घटनाएं हुई थीं।