एक पर करम दूसरे पर सितम, सेंसर बोर्ड का ‘पद्मावती’ पर जुल्म!
मुंबई। ‘पद्मावती’ की रिलीज को लेकर अबतक दो पक्ष बट चुके हैं। एक फिल्म की रिलीज को लेकर समर्थन में है और दूसरा इसके विरोध में है। जहां सरकारी कुर्सी पर बैठे कई लोगों ने फिल्म का विरोध किया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने पद्मावती का समर्थन करते हुए उन्हीं लोगों को लताड़ लगाई।
पद्मावती की रिलीज के मुद्दे को हर किसी ने अपने नजरिए से देखा है। इन सबके बीच अगर किसी का नजरिया सवालों के घेरे में आता रहा तो वह है सेंसर बोर्ड। पद्मावती के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन का रवैया आश्चर्यजनक है।
अधूरी अप्लीकेशन और डिस्क्लेमर न होने के अलावा ‘68 डे पीरियड’ के नियम का हवाला देते हुए सेंसर बोर्ड ने पद्मावती को वापस कर दिया था। हालांकि ‘फिरंगी’ और ‘तेरा इंतजार’ पर भी इस नियम का असर पड़ा था। इन दोनों फिल्मों के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था। सिर्फ यही नहीं हॉलीवुड फिल्में ‘कोको’ और ‘जस्टिरस लीग’ के हिंदी वर्जन को भी ‘68 डे पीरियड’ के नियम को पालन न करने का खामियाजा भुगतना पड़ा था।
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पद्मावती को जिस नियम का हवाला देते हुए रोका गया था। वही नियम एक ऐसी फिल्म पर लागू नहीं हुआ है, जो रिलीज होने को पूरी तरह तैयार है। बता दें, यह फिल्म फुकरे की सीक्वल ‘फुकरे रिटर्नस’ है। खबरों के मुताबिक, फुकरे रिटनर्स को 12 दिन पहले ही सर्टिफिकेट दे दिया गया है।
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सिर्फ यही नहीं कुछ समय पहले सीबीएफसी चीफ प्रसून जोशी ने संजय लीला भंसाली पर नाराजगी जताते हुए कनून के उल्लंघन का हवाला दिया था। प्रसून के मुताबिक संजय का दो चैनल हेड को बिना सेंसर हुई फिल्म पद्मावती दिखाना गलत था। गौरतलब है कि, कोई भी कानून किसी फिल्ममेकर को अपनी फिल्म की प्राइवेट स्क्रीनिंग रखने से मना नहीं करता है।
फुकरे रिटनर्स आने वाले शुक्रवार यानी 8 दिसंबर को रिलीज होने वाली है। इससे पहले फिल्म 15 दिसंबर को रिलीज होने वाली थी। पद्मावती की रिलीज टलने के बाद फुकरे रिटनर्स के मेकर्स ने फिल्म को एक हफ्ते पहले रिलीज करने का फैसला किया था। हालांकि फिल्म की सबसे पहली रिलीज डेट 8 दिसंबर ही थी लेकिन 1 दिसंबर को पद्मावती की डेट देखकर मेकर्स ने अपनी फिल्म की डेट आगे बढ़ा ली थी।