हां, मेरी वजह से ही बरकरार रहा धोनी का ‘वर्चस्व’ : श्रीनिवासन
नई दिल्ली। बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी बीच की नजदीकियां जग जाहिर हैं। आईपीएल की टीम चेन्नई सुपर किंग्स की कमान धोनी की संभाले रहे। श्रीनिवासन के इंडियन क्रिकेट बोर्ड के मुखिया रहते धोनी फ्री हैंड रहे। टीम की नाकामी के बावजूद वर्चस्व बरकरार रहा।
साल 2012 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया के लचर प्रदर्शन के बाद तत्कालीन सलेक्टर मोहिंदर अमरनाथ धोनी से कप्तानी छीनना चाहते थे लेकिन उनका दावा था कि श्रीनिवासन ने ऐसा नहीं करने दिया। इस घटना के पांच साल बाद श्रीनिवासन ने यह बात कबूली है कि उनके वीटो के चलते ही धोनी की कप्तानी बरकरार रह सकी थी।
समाचार पत्र डेक्कन क्रोनिकल के मुताबिक एन श्रीनिवास ने कहा कि, ‘हां मैंने ही अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल करके धोनी की कप्तानी को बचाया था। और इसमें गलत क्या है? आखिर क्रिकेट वर्ल्डकप जीतने वाले कप्तान को हम एक साल के भीतर ही कैसे हटा सकते हैं।’
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खबर के मुताबिक, श्रीनिवासन ने यह बात एक पत्रकार की किताब में कहीं है। वहीं श्रीनिवासन के साथ अपने संबंधों पर चुप्पी तोड़ते हुए इस किताब में कहा है ‘ मुझे फर्क नहीं पड़ता कि लोग क्या कहते हैं। श्रीनिवासन क्रिकेटरों के हित के लिए हमेशा तत्पर रहने वाले व्यक्ति हैं।’
धोनी ने 2013 में आईपीएल में हुई स्पॉट फिक्सिंग पर भी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी जांचकर्ताओं को यह नहीं कहा था कि श्रीनिवासन के दामाद गुरूनाथ मयप्पन को क्रिकेट ‘ एंथूजियास्ट’ नहीं कहा। ‘मैं तो एंथूजियास्ट शब्द का उच्चारण भी ठीक से नहीं कर सकता। मैंने तो बस इतना कहा था कि टीम से जुड़े मामलों में उसका कोई दखल नहीं है।’
इसके अलावा धोनी ने इस मसले पर बोलते हुए कहा कि ‘आप मेरी आलोचना करिए मुझे कोई आपत्ति नहीं है लेकिन जिस क्रिकेट ने मुझे सबकुछ दिया है आप उस खेल में फिक्सिंग जैसे मामले का आरोप मेरे ऊपर लगाएंगे तो मुझे भी एक लाइन खींचनी पड़ेगी। यही वजह है कि मैंने इस मसले पर मीडिया से कोई बात नहीं की।