
नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उनके और उनके बेटे कार्ति के खिलाफ एयरसेल मेक्सिस मामले में लगाए गए आरोप ‘झूठ और कल्पना के सनक भरे मिश्रण’ पर आधारित है जिसका उद्देश्य उन्हें ‘डराना’ और उनकी आवाज को बंद करना है। एयरसेल मेक्सिस मामले में कार्ति की संपत्ति जब्त करने के बाद ईडी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि वह इससे डरने वाले नहीं हैं।
उन्होंने कहा, “मैंने ईडी की ओर से जारी प्रेस नोट पढ़ा है। इसमें चालाकी से ईडी के अधिकार क्षेत्र की अनदेखी कर दी गई है, जबकि इस मामले में दायर केवल एक आरोप पत्र को विशेष न्यायाधीश द्वारा रद्द किया जा चुका है।”
चिदंबरम ने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार के सचिवों वाले विदेश निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) ने बिलकुल सही तरीके से सिफारिशें व अनुमोदन किए थे और इसे वित्त मंत्रालय के सामने मंजूरी के लिए रखा था। इन सचिवों से सीबीआई ने पूछताछ भी की थी।
उन्होंने कहा, “प्रेस नोट में लगाए गए आरोप ‘झूठ और कल्पना का सनक भरे मिश्रण’ पर आधारित हैं जिसका उद्देश्य मुझे ‘डराना’ और मेरी आवाज को बंद करना है। मैं इससे नहीं डरूंगा।”
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चिदंरबम ने कहा, “जब भी जब्ती आदेश दिया जाएगा, कानून के हिसाब से उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी।”
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को एयरसेल-मैक्सिस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम की 1.16 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली। ईडी पी. चिदंबरम के वित्त मंत्री रहते हुए एयरसेल-मैक्सिस सौदे को एफआईपीबी द्वारा मंजूरी दिलाने के एवज में कार्ति चिदंबरम द्वारा की कथित रूप से रिश्वत लेने के मामले की जांच कर रहा है।
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ईडी अधिकारियों के अनुसार, कार्ति द्वारा उनके ‘अधिकतर बैंक खाते को बंद करने और संपत्तियों को बेचने’ के बाद धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत 90 लाख रुपये के सावधि जमा और बैंक खाते को जब्त करने के आदेश दिए गए हैं।