अपराधिक मामलों को लेकर सांसद को अयोग्य घोषित करना संविधान के खिलाफ, नहीं खाली होगी कुर्सी!

सुप्रीम कोर्ट मेंनई दिल्लीसुप्रीम कोर्ट में एक एनजीओ द्वारा दायर की गयी याचिका के जवाब में केंद्र सरकार ने कोर्ट में हलफनामा पेश करते हुए कहा है कि सांसद या विधायक किसी आपराधिक मामले में दोषी करार पाए जाते है तो उन्हें तत्काल प्रभाव से अयोग्य घोषित नहीं किया जा सकता है।

सरकार का कहना है कि भारतीय कानून के अनुसार व्यक्ति को खुद को दोषी ठहराए जाने पर फैसले के खिलाफ अपील करने और सजा पर रोक प्राप्त करने का एक मौका मिलता है। इस कारण से उसकी सीट को तत्काल रूप से खाली घोषित नहीं किया जा सकता है।

दरअसल लोकप्रहरी एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसमें कहा गया था कि अगर कोई विधायक या सांसद आपराधिक मामले में दोषी पाया जाता है तो तत्काल प्रभाव से उसकी सीट को खाली घोषित किया जाए।

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केंद्र सरकार का कहना है कि ये पॉलिसी का मामला है, इसमें किसी भी प्रकार से कोर्ट को दखल नहीं देनी चाहिए। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में भी लोकप्रहरी एनजीओ की इस याचिका का विरोध किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अपने 2013 के फ़ैसले को ही आधार बनाते कहां था कि अगर कोई विधायक या सांसद आपराधिक मामले में दोषी पाया जाता है तो तत्काल प्रभाव से वो अयोग्य घोषित हो जाएगा।

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बता दें लोकप्रहरी ने अपनी याचिका में कहा था कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में भी कुछ लोग आपराधिक मामले में दोषी पाए गए हैं लेकिन इसके बाद भी वह सभी अपने पद पर बने हुए हैं। क्योंकि सीट को खाली घोषित करने और चुनाव कराने में लंबा वक्त लिया जा रहा है।

https://youtu.be/SRKQmADt00c

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