सौर ऊर्जा से आईआईटी बीएचयू में सालाना होगी 28 लाख रुपए की बचत
वाराणसी| क्लीनमैक्स सोलर-आईआईटी बीएचयू में साझेदारी से 28 लाख रुपये सालाना बचत होगी। छत के ऊपर स्थित 1.5 मेगावाट के संयंत्र के साथ सौर ऊर्जा की आपूर्ति का 30 फीसदी हासिल किया जा रहा है और सालाना 2,000 टन कार्बन-डाइऑक्साइड में कमी होगी।
इस साझेदारी के तहत उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आईआईटी बीएचयू परिसर की कई बिल्डिंगों की छतों पर बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा संयंत्र को चालू किया गया है।
क्लीनमैक्स सोलर के प्रबंध निदेशक, कुलदीप जैन ने कहा, “हम आईआईटी (बीएचयू) को उनके कार्बन पदचिह्नें और बिजली की लागत को एक ही समय पर कम करने में मदद कर रहे हैं। यह आईआईटी (बीएचयू) जैसे संस्थानों के लिए बहुत ही आकर्षक प्रस्ताव है, और हम इसे देशभर के अन्य प्रमुख संस्थानों के साथ भी दोहराने की उम्मीद करते हैं।”
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जैन ने बताया, “बाजार की 24 फीसदी हिस्सेदारी (स्रोत ब्रिज टू इंडिया रिपोर्ट 2017) के साथ भारत में छत के ऊपर के सबसे बड़े सौर ऊर्जा विकासकर्ता के रूप में, क्लीनमैक्स सोलर ने शैक्षणिक संस्थानों, बड़े कॉरपोरेट्स और औद्योगिक ग्राहकों को सेवायें प्रदान की है।”
आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रोफेसर राजीव संगाल ने कहा, “क्लीनमैक्स सोलर के साथ मिलकर सौर संयंत्र को चालू करके, सौर ऊर्जा वाला राष्ट्र बनने के राष्ट्रीय लक्ष्य की दिशा में योगदान करने पर हमें गर्व है। संस्थान को प्रति वर्ष लगभग 28 लाख रुपये की बचत होने की उम्मीद है, जो कि परिचालन लागत में एक महत्वपूर्ण कमी होगी।”