पाक की ‘ना’पाक हरकतों पर भारत ने जड़ा तमाचा, संयुक्त राष्ट्र में कर दिया खात्मे का इंतजाम, हो गई…
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान को जमकर आड़े हाथों लिया और कड़े शब्दों में उनकी निंदा भी की। जम्मू कश्मीर पर दिए गए पाक के बेतुके बयान का खंडन करते हुए भारत ने इस्लामाबाद को अतंर्राष्ट्रीय आतंक का चेहरा बताया।
बता दें पाकिस्तान की स्पीच के बाद ‘राइट टू रिप्लाई’ का इस्तेमाल करते हुए भारत की तरफ से डॉ विष्णु रेड्डी ने कहा जम्मू कश्मीर पर पाकिस्तान द्वारा कही गई बात बिल्कुल गलत और भटकाने वाली हैं।
दूसरी ओर बलूचिस्तान के प्रतिनिधि मेहरान मैरी ने भी पाकिस्तान की पोल खोलते हुए कहा कि यहां पर धार्मिक चरमपंथियों व जिहादी संगठनों के अलावा एलईटी, सिपाह-ए-साहबा, जेयूडी, जैसे संगठन खुले तौर पर सक्रिय हैं और अपने संगठन में ये भर्ती करते हैं।
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इससे पहले महासभा सत्र के इतर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन और उनके जापानी समकक्ष तारो कोनो के साथ त्रिपक्षीय बैठक के दौरान पाक पर निशाना साधा।
भारत ने मंगलवार को पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए कहा कि उत्तर कोरिया की परमाणु प्रसार संबंधी गतिविधियों की जांच की जानी चाहिए और इसके लिए जो जिम्मेदार हैं, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का यह बयान उत्तर कोरिया द्वारा शुक्रवार को जापान के ऊपर से मध्यम दूरी की एक और बैलिस्टिक मिसाइल दागे जाने के कुछ दिन बाद आया है।
इससे पहले तीन सितंबर को उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध और अन्य अंतरराष्ट्रीय नियमों को दरकिनार करते हुए अपने 6वां परमाणु परीक्षण किया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पत्रकारों से कहा, ‘विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उत्तर कोरिया की हालिया कार्रवाई की निंदा की और कहा कि उसकी प्रसार संबंधी गतिविधयों का पता लगाया जाना चाहिए और इसके लिए जो जिम्मेदार हैं, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।’
कुमार ने प्रश्नों का उत्तर देते हुए सीधे तौर पर किसी देश का उल्लेख नहीं किया लेकिन कहा कि उनके संकेत यह बताने को पर्याप्त हैं कि वह किसका जिक्र कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि मैं आपको पर्याप्त सामग्री दे रहा हूं ताकि यह पता लगा सकें कि मैं किसकी बात कर रहा हूं।’
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साथ ही कुमार ने कहा, ‘हमने बहुत स्पष्ट तौर पर यह कहा है कि हम केवल उत्तर कोरिया के हालिया कदमों की निंदा नहीं कर रहे, बल्कि यह भी कहा है कि प्रसार संबंधी गतिविधयों का पता लगाया जाना चाहिए और इसके लिए जो जिम्मेदार हैं, उनकी जवाबदेही तय की जानी चाहिए।’
वहीं ‘राइट टू रिप्लाई’ का इस्तेमाल करते हुए भारत की तरफ से डॉ विष्णु रेड्डी ने युनाइटेड नेशन ह्यूमन राइट काउंसिल (UNHRC) में भारत की ओर से अपना मत जाहिर किया।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर पर पाकिस्तान द्वारा कही गई बात बिल्कुल गलत और भटकाने वाली हैं। रेड्डी ने आगे बताया कि हमारे क्षेत्र में सबसे बड़ी परेशानी आतंकवाद है। पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए भारत की तरफ से दो मुद्दों का जिक्र किया गया।
इसमें जम्मू कश्मीर में बढ़ती आतंकी गतिविधि और बलूचिस्तान में मानव अधिकारों का उल्लंघन शामिल थे। भारत बलूचिस्तान के मुद्दे को विश्व के अलग-अलग मंच पर उठाता रहा है।
रेड्डी ने कहा पाकिस्तान द्वारा कब्जे में लिया गया कश्मीर आतंक को पनाह देने वाली जगह बन गया है। पीओके और बलूचिस्तान में मानव अधिकार का रिकॉर्ड बुरी स्थिति में है।
रेड्डी ने आगे कहा पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का नाम बन चुका है। यहां तक कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री भी इस बात को कबूल चुके हैं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैन हो चुके संगठन लश्कर ए तय्यबा और जैश ए मोहम्मद उनके यहां से ऑपरेट होते हैं।
विश्व की अच्छाई के लिए पाकिस्तान को आतंक के इन कारखानों को बंद कर देना चाहिए। पाकिस्तान जम्मू कश्मीर के मुद्दे को विभ्निन मंचों पर उठाता रहा है। जिनेवा से पहले न्यूयॉर्क और बाकी जगह भी उसने गलत बयानी की थी।
इससे पहले पाकिस्तान को लेकर वर्ल्ड बलूच ऑर्गनाइजेशन ने जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन (यूएनएचआरसी) के सामने जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
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