
हनुमानजी का जन्म आखिर त्रेतायुग में भारत के किस क्षेत्र में हुआ, यह प्रश्न आज भी कई लोगो को परेशान करता हैं और पूरी तरह से रहस्यमयी बना हुआ है। अलग-अलग धर्म ग्रंथों के अनुसार हनुमानजी के जन्म के बारे में अलग-अलग स्थानों का वर्णन मिलता है।
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झारखंड में मान्यता है कि हनुमान का जन्म इसी राज्य के गुमला जिले के आंजनधाम में स्थित पहाड़ी की एक गुफा में हुआ था आंजनधाम गुमला शहर से 20 किमी दूर जंगलों के बीच है। और मान्यता ये भी हैं की जिस गुफा में हनुमान जी का जन्म हुआ था, उसका दरवाजा कलयुग में अपने आप बंद हो गया।
कुछ विद्वान मानते हैं कि नवसारी (गुजरात) स्थित डांग जिला पूर्व काल में दंडकारण्य प्रदेश था। इस दंडकारण्य में श्रीराम ने अपने जीवन के 10 वर्ष गुजारे थे। शबरीधाम से लगभग 7 किमी की दूरी पर पूर्णा नदी पर स्थित पंपा सरोवर है।
यहां पर मातंग ऋषि का आश्रम था। डांग जिले के आदिवासियों की ये प्रबल मान्यता यह भी है कि डांग जिले के अंजना पर्वत में स्थित अंजनी गुफा में ही हनुमानजी का जन्म हुआ था। वहीं कुछ धर्म ग्रंथों के अनुसार कैथल को हनुमानजी का जन्म स्थान मानते हैं। वर्तमान में यह शहर हरियाणा के अंतर्गत आता हैं।
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कैथल की सीमा करनाल, कुरुक्षेत्र, जीन्द और पंजाब के पटियाला जिले से मिली हुई है। इसे वानर राज हनुमान का जन्म स्थान भी माना जाता है। इसका प्राचीन नाम था कपिस्थल। कपिस्थल कुरू साम्राज्य का एक प्रमुख भाग था। आधुनिक कैथल पहले करनाल जिले का भाग था।