भगवान गणेश करेंगे हर मनोकामना पूरी, ब्रह्ममुहूर्त में करें इस मंत्र का जाप

श्रीगणपतिशास्त्रों के अनुसार सबसे पहले पूजे जाने वाले श्रीगणपति की उपासना करने से शारीरिक, मानसिक व आर्थिक कष्टों का निवारण होता है। वेद कहते हैं कि गणपति समस्त गणों के स्वामी हैं, इसीलिए उन्हें गणपति कहा जाता है।

गण शब्द के कई अर्थ हैं। यह गण गणित, गणना करने वाले, छोटे भूखंडों, राज्य, प्रजा, सेवक-कर्मचारी और गणक नामक एक ऋषि से संबंधित हैं।

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अत: गणित से आजीविका प्राप्त करने वाले, भूमि-व्यापार करने वाले, राज्य भार संभालने वाले व शासक-कर्मचारी वर्ग को गणपति की उपासना करनी ही चाहिए।

आदिपूज्य मंगलप्रदाता श्रीगणपति सभी विघ्नों को दूर करने वाले देवता हैं। गणेशपुराण के अनुसार गणपति सभी विघ्नों-कष्टों के राजा हैं। प्रत्येक व्यक्ति को अपने कल्याणार्थ गणेशजी के नित्य दर्शन करने चाहिए।

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घर के मंदिर में या मुख्य द्वार पर विराजमान गणपति के दर्शन करने से कार्य सिद्धि व सफलता प्राप्त होती है। व्यापारिक प्रतिष्ठानों में गणपति की प्रतिमा या चित्र विराजमान करना चाहिए।

ऊं नमो सिद्धिविनायकाय सर्वकार्यकत्र्रे सर्वविघ्नप्रशमनाय सर्वराज्यवश्यकरणाय सर्वजनसर्वस्त्रीपुरुषाकर्षणाय श्री ऊं स्वाहा।

इस मंत्र का प्रतिदिन ब्रह्ममुहूर्त में जप करने से सारे विघ्नों का नाश होता है, मन को शांति मिलती है।

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