हिन्दू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवता की पूजा होती है. सोमवार को भगवान शिव की पूजा की जाती है. मन्दिरों के बाहर लंबी-लंबी कतारें दिखना लाजमी हैं. पुराने समय से ही लोग इस दिन शिव की पूजा करते आए हैं. लेकिन क्या कभी सोचा है सोमवार को ही महादेव की पूजा क्यों होती है. शायद कुछ लोगों को पता भी हो कि सोमवार को भोलेनाथ की पूजा का विशेष महत्व क्यों होता है. लेकिन जिन्हें नहीं पता वो जान लो.
अक्सर लोग भोले को प्रसन्न करने के लिए सोमवार का व्रत रखते हैं. सोमवार व्रत को सोमेश्वर कहा जाता है. सोमेश्वर का पहला अर्थ है चंद्रमा और दूसरा होता है वह देव, जिसे सोमदेव भी अपना देव मानते हैं यानी शिव.
सोम का एक अर्थ सौम्य भी होता है. शंकर जी को शांत देवता कहा जाता है. इसलिए भी सोमवार का दिन इनका दिन माना जाता है. सहज और सरल होने के कारण शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है. कुछ लोग यह भी कहते हैं कि सोम में ॐ है और भोलेनाथ को ॐ स्वरूप माना जाता है. इसलिए इस दिन इनकी पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है.
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कहा जाता है कि चंद्रमा इसी दिन भगवान शिव की पूजा करते थे, जिससे उन्हें निरोगी काया मिली. इसलिए भी सोमवार को भगवान शिव की पूजा की जाती है. इस दिन भगवान शिव की आराधना का अर्थ है चंद्रदेव को भी प्रसन्न करना. सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
अगर हर सोमवार शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित की जाए तो व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.