सिरसा में बेअसर थी भारत सरकार, चलता था बाबा का गैरकानूनी ‘सिक्का’
नई दिल्ली। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को रेप की सजा सुनाई जाने के बाद से उनसे जुड़े हुए कई राज भी निकल कर बाहर आने लगे हैं। सुनवाई के दौरान हरियाणा में हुई हिंसा ने उनके अलग साम्राज्य और प्रभुत्व को जग जाहिर किया। इतना ही नहीं डेरा के नाम पर राम रहीम ने न केवल अपना साम्राज्य स्थापित किया बल्कि वहां के लिए नियम और क़ानून भी अलग बनाए।
राम रहीम के इस साम्राज्य में भारत सरकार के कानून की जगह बाबा का कानून चलता था। यहां तक कि खरीदारी और लेन-देन के लिए बाबा के नाम पर अलग करेंसी भी चलती थी। इस तरह की करेंसी चलाना गैरकानूनी है और दंडनीय अपराध है।
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इसके बावजूद भारत सरकार और रिजर्व बैंक को ठेंगा दिखाकर सिरसा में डेरा सच्चा सौदा के मुख्यालय में पंथ प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के अनुयायी, जो वहां दुकानों का संचालन करते थे वे ग्राहकों को छुट्टे देने के लिए अलग करेंसी चलाते थे।
डेरा परिसर के भीतर और इर्दगिर्द स्थित इन दुकानों पर नाम के प्रारंभ में ‘सच’ लिखा होता था। ग्राहक यदि भारतीय करेंसी यानी रुपए में खुल्ले नहीं दे पाते तो दुकानदार इनके बदले पांच और दस रुपए के प्लास्टिक के सिक्के या टोकन उन्हें दिया करते थे।
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इन सिक्कों पर लिखा होता था ‘धन धन सतगुरू तेरा ही आसरा, डेरा सच्चा सौदा सिरसा’, इनका इस्तेमाल ग्राहक बाद में ‘सच’ दुकानों से सामान खरीदने में कर सकते थे।
डेरा परिसर करीब एक हजार एकड़ इलाके में फैला है, इसकी अपनी टाउनशिप है, अपने स्कूल हैं, खेल गांव, अस्पताल और सिनेमा हॉल भी है।
डेरा मुख्यालय के इर्दगिर्द के दुकानदार ‘सच दुकानें’ चलाते थे उनके पास अलग-अलग कलर कोड के प्लास्टिक के सिक्के होते थे।
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