एमआरआई की इस नई तकनीक से बीमारियों से मिलेगी निजात

एमआरआईदुनिया विकास की तरफ कितनी तेज़ी से बढ़ रही है इसका अंदाजा लगाना भी लगभग नामुमकिन सा है। स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों में हर दिन कुछ न कुछ विकास हो रहा है। अमेरिका में बीमारी की पहचान में सुधार करने के लिए वैज्ञानिकों ने एमआरआई (मैग्नेटिक रिजोनेंस इमेजिंग) को मल्टीकलर बनाने का तरीका विकसित कर लिया है जिससे बीमारियों की पहचान में मदद मिल सकती है।

क्या है एमआरआई ?

कभी-कभी कोई व्यक्ति बीमार होता है मगर रोग की पहचान नहीं हो पाती। ऐसी स्थिति में उसे एम.आर.आई. कराने की सलाह दी जाती है। एम.आर.आई. मतलब मैग्नेटिक रिजोनेन्स इमेजिंग। इस विधि की मदद से शरीर के आंतरिक अंगों की तस्वीर प्राप्त की जाती है। इस विधि का आधार है मैग्नेटिक रेजोनेन्स या चुंबकीय अनुनाद।

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अब होगा मल्टीकलर एमआरआई

एमआरआई की मौजूदा तकनीकों में एकमात्र कंट्रास्ट एजेंट का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे मरीज की नसों में तस्वीरें लेने के लिए भेजा जाता है। नई तरकीब में एकसाथ दो एजेंटों का इस्तेमाल किया जाता है। इससे डॉक्टर एक ही एमआरआई में किसी मरीज के आंतरिक अंगों के कई गुणों का पता लगा सकते हैं।

अमेरिका ने किया विकसित

अमेरिका के केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में असोसिएट प्रोफेसर क्रिस फ्लास्क ने कहा, ‘हमने जिस तरीके को तैयार किया है, वह पहली बार एमआरआई के दो अलग-अलग कंट्रास्ट एजेंटों का एकसाथ पता लगाने की सुविधा देता है।’ उदाहरण के लिए, दो कंट्रास्ट एजेंट में से एक बीमार टिशू को लक्षित कर सकता है और दूसरा यह दिखा सकता है कि कोई अन्य टिशू कितना स्वस्थ है।

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