
नई दिल्ली। केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में पुलों की जर्जर स्थिती का हाल बयान किया। उन्होंने माना कि देश में बहुत से ऐसे पुल हैं, जो किसी भी पल धराशायी हो सकते हैं। उन्होंने खुलासा किया इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मंत्रालय ने एक स्पेशल प्रोग्राम भी शुरू किया। लेकिन जमीन अधिग्रहण और अन्य परेशानियों के कारण मामला अधर में लटक गया।
जंग से नहीं बातचीत से निकलेगा डोकलाम का हल : सुषमा स्वराज
परिवहन मंत्रालय के ‘स्पेशल प्रोग्राम’ के तहत 1.60 लाख पुलों की जांच की गई थी। इसमें पाया गया कि देश में 147 पुल और टनल खतरनाक स्तिथि में हैं, जोकि कभी भी ज़मींदोज हो सकते हैं। महाराष्ट्र के कोंकण में पुल गिरने से हुए हादसे का ज़िक्र भी गडकरी ने अपनी बातों में किया।
बता दें इस पुल का निर्माण ब्रिटिश शासनकाल में किया गया था। समय के साथ इसकी हालत दयनीय होती गयी। लेकिन किसी का भी ध्यान इस ओर नहीं गया, वक्त पर मरम्मत न होने के कारण यह पुल ढह गया।
विदेश नीति को लेकर कांग्रेस ने की सरकार की निंदा
इससे पहले मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर गडकरी ने न केवल इस बात को स्वीकार किया था कि देश के कई पुल मौजूदा स्थिती में जर्जर बने हुए हैं। बल्कि खुद को पुलों की खतरनाक स्थिती के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोक पाने में असफल बताया था।
देखें वीडियो :-