सलाखों में रहकर भी योगी पर भारी पड़ा गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी

अपराधियों की जेल बदलीलखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी राज आए दो महीने हो चुके हैं. योगी सरकार आने के बाद यूपी में 150 से अधिक अपराधियों की जेल बदली गईं। इनमें से यूपी के एक सबसे बड़े गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी को भी झांसी से पीलीभीत जेल ट्रांसफर किया गया था। लेकिन सीएम योगी के इस फैसले के बाद उन्हें SC से बड़ा झटका लगा है और योगी को अपना फैसला वापस लेना पड़ा। दरअसल, मुन्ना बजरंगी योगी सरकार के इस आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट जा पहुंचे थे।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यूपी सरकार ने इस हफ्ते मुन्ना बजरंगी को वापस झांसी जेल में शिफ्ट करने का आदेश जारी किया। यूपी, दिल्ली और मुंबई में हत्या, फिरौती जैसे 20 से अधिक गंभीर आपराधिक केसों में आरोपी गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी को झांसी जेल से पीलीभीत ट्रांसफर किया गया था।

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भारत-नेपाल सीमा से करीब 500 किलोमीटर दूर बजरंगी को शिफ्ट करने के पीछे की वजह झांसी जेल में उसके कथित नेक्सस को तोड़ने को बताया गया था। मुन्ना बजरंगी पर मुख्तार अंसारी के साथ मिलकर 2004 में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का आरोप भी है। योगी सरकार के जेल ट्रांसफर के आदेश के तुरंत बाद बजरंगी ने चार वकीलों के एक पैनल के साथ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में यूपी सरकार के फैसले को प्रथम दृष्टया गलत माना। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि इस मामले में वाराणसी सीजेएम और जौनपुर गैंगस्टर कोर्ट के स्पेशल जज के आदेश का उल्लंघन कर बजरंगी को पीलीभीत भेजा गया। आदेश में कहा गया कि अगले आदेश तक कैदी को झांसी सेंट्रल जेल में ही रखा जाए।

हालांकि मुन्ना बजरंगी सुल्तानपुर जेल में रहना चाहता है। बजरंगी इस संबंध में अपनी अर्जी लेकर दिसंबर में ही सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। बजरंगी को 2015 में अखिलेश सरकार ने सुल्तानपुर से झांसी जेल में ट्रांसफर किया था। बजरंगी की वकील भारती त्यागी ने बताया कि अभी यह याचिका लंबित है। बजरंगी के खिलाफ वाराणसी और जौनपुर की अदालतों में मामले चल रहे हैं।

यहां से सुल्तानपुर की दूरी कम है। बजरंगी ने कोर्ट से मांग की थी कि कोर्ट में चलने वाली सुनवाई के दौरान झांसी से दूसरी ज्यादा होने के कारण उसे रात के समय में भी यात्रा करनी पड़ती है। बजरंगी और उसकी पत्नी ने क्रमशः 2012 और 2017 में जौनपुर की मड़ियाहूं सीट से निर्दलीय कैंडिडेट के तौर पर यूपी विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था।

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