
कोलकाता। कोल इंडिया लिमिटेड के पांच केंद्रीय श्रमिक संघों ने 19 जून से तीन दिन के हड़ताल का आह्वान किया है। श्रमिक संघ के एक नेता ने बुधवार को कहा कि वेतन के लिए बातचीत जल्द से जल्द किए जाने की मांग और श्रमिकों की भविष्य निधि को ईपीएफओ में जोड़े जाने के विरोध में यह हड़ताल बुलाई गई है।
नई दिल्ली में आठ और नौ मई को राष्ट्रीय वेतन बोर्ड की तीसरी बैठक में कोई परिणाम निकलने के बाद हड़ताल करने का फैसला लिया गया।
पांच श्रमिक संघ- सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेन यूनियन्स, इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस, भारतीय मजदूर संघ, हिंद मजदूर सभा और ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस- कोयला उद्योग में काम करने वाले 90 फीसदी श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
इंडियन नेशनल माइन वर्कर्स फेडरेशन (आईएनटीयूसी) के महासचिव एस. क्यू. जमा ने कहा, “हम कोयला खदान भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफ) का कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में विलय नहीं चाहते।”
उन्होंने कहा, “प्रस्तावित विलय श्रमिकों के हित में नहीं है। वास्तव में सीएमपीएफ अधिनियम-1948, ईपीएफ कानून से बिल्कुल अलग है। सरकार ने श्रमिक संघों को विश्वास में लिए बगैर हमारी इच्छा के विपरीत यह विलय करना चाहती है।”
श्रमिक संघों ने जल्द से जल्द वेतन को लेकर बातचीत संपन्न कराने की मांग भी की है।
जमा ने कहा, “कानूनन कोल इंडिया में काम करने वाले श्रमिकों के वेतन को लेकर प्रबंधन से हर पांच वर्ष पर बातचीत होनी चाहिए। नौवें राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौते (एनसीडब्ल्यूए) की अवधि पिछले साल जून में ही खत्म हो चुकी है और अब तक 10वां एनसीडब्ल्यूए नहीं हो सका है। ”
श्रमिक संघों ने भिन्न-भिन्न ठेकेदारों द्वारा कोल इंडिया में काम पर रखे गए श्रमिकों के समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग भी की है।