डॉग का नाम सेना मेडल के लिए प्रस्तावित !
एजेंसी/ नई दिल्ली : पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले के दौरान एनएसजी के साथ ही एक डॉग ने भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाई। डॉग ने एक आतंकी को मार गिराने में मदद की थी। इस दौरान वो गंभीर रुप से जख्मी भी हुआ। आग के बीच भागते हुए उसने इंटेलीजेंस को इकठ्ठा किया। इस डॉग का नाम रॉकेट है और यह बेल्जियन मालिनोइस ब्रीड का है।
अब इसे सेना द्वारा मेडल दिए जाने की सिफारिश की जा रही है। एनएसजी के पास ऐसे 20 डॉग्स की टीम है, जिन्हें विशेष रुप से एंटी टेररिस्ट ऑपरेशन के लिए प्रशिक्षइत किया गया है। एनएसजी के अधिकारी ने बताया कि रॉकेट की उम्र 2-3 साल ही है और वो बेहद फुर्तीला है। 2 जनवरी को जब एयरबेस पर अटैक हुआ, तब कमांडोज ने देखा कि एक आतंकी बार-बार अपनी पोजिशन बदल रहा है।
हमले के 10 घंटे के बाद रॉकेट को एक बिल्डिंग के भीतर भेजा गया। वहां पहुंचकर उशने पोजिशन बदलने वाले आतंकी को बड़ी ही चालाकी से धर दबोचा। हमला इतना तेज था कि आतंकी को संभलने का मौका ही नहीं मिला। रॉकेट ने दूसरी बहादुरी तब दिखाई, जब एक बिल्डिंग के अंदर आतंकी लगातार धमाके कर रहे थे। लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन कुमार एक बम को ट्रेस करते वक्त शहीद हो चुके थे।
आग से जल रही एक बिल्डिंग में रॉकेट को भेजा गया। वह वहां से एक पाऊच लेकर आया जिसमें एक ग्रेनेड की एक पिन थी। इससे कमांडोज यह समझ गए कि एक आतंकी उस बिल्डिंग के अंदर है। वहां हमला किया गया। इस ऑपरेशन में रॉकेट को चोट आई। उसका सिर और पंजा जल गया। लंबे ट्रीटमेंट के बाद अब वह दोबारा फिट है। एक एनएसजी अधिकारी ने बताया कि हमने रॉकेट का नाम सेना मेडल के लिए प्रस्तावित किया है। आतंकी हमले के दौरान उसने अहम भूमिका निभाई थी। .